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Tuesday, July 9, 2024

जहां से कभी आंसू लेकर लौटे थे, अब वहीं रच दिया इतिहास… आखिर कैसे खत्म हुआ 17 साल का वनवास?

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वेस्टइंडीज की धरती और सामने दक्षिण अफ्रीका, टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल जैसे कई इतिहास रचने को तैयार था. मुकाबला बेहद रोमांचक था और मैच कभी टीम इंडिया की तरफ तो कभी द. अफ्रीका की ओर जाता दिखा. कई मौके पर मैच टीम इंडिया के हाथ से साफ साफ फिसलता दिख रहा था. खासकर जब हेनरिक क्लासेन ने अक्षर पटेल के एक ही ओवर में 24 रन बनाकर मैच का पासा ही पलट दिया.

इसके बाद द. अफ्रीका को आखिरी 30 गेंद में 30 रन की ही तो दरकार थी और क्रीज पर क्लासेन के साथ डेविड मिलर जैसे धुरंधर बल्लेबाज मौजूद थे. तब ये लगने लगा था कि एक ही साल में टीम इंडिया वर्ल्ड फाइनल में हारने का हैट्रिक लगाने जा रही है. मैदान पर जहां भारतीय खिलाड़ी जमकर मुकाबला कर रहे थे वहीं मैदान के बाहर एक शख्स चुपचाप मैच पर नजर बनाए हुए था.

मैच के हर उतार चढ़ाव के बीच टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ बेहद शांत दिख रहे थे. कुछ वैसे ही जैसे कभी खेलते वक्त मैदान पर दिखते थे. वैसे भी बतौर कोच द्रविड़ का ये आखिरी बड़ा मुकाबला था. दिल में ढेर सारे कसक लिए शायद द्रविड़ मैच के आखिरी गेंद का ही नहीं अपनी किस्मत के भी पलटने का इंतजार कर रहे थे. द्रविड़ के कोच रहते टीम इंडिया इसी साल में दो बड़े मौके पर वर्ल्ड चैंपियन बनने का मौका गंवा चुकी थी. टेस्ट और वनडे दोनों के ही वर्ल्ड कप फाइनल टीम इंडिया पहुंची तो जरूर लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने दोनों ही बार भारतीय टीम के सारे सपने चकनाचूर कर दिए. टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भी जब हार के खतरा मंडराने लगा तो टीम के साथ कोच द्रविड़ की चिंताएं भी बढ़ने लगी.

बार बार जीत के करीब पहुंचकर भी आईसीसी वर्ल्ड कप ना जीत पाने का मलाल लंबा हो चला था.
2011 में वनडे वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद टीम इंडिया 4 मौके पर आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची. इनमें 2014 का टी20 वर्ल्ड कप, 2021, 2023 के टेस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप और 2022 का वनडे वर्ल्ड कप फाइनल भी शामिल है.

द्रविड़ का वेस्टइंडीज कनेक्शन
राहुल द्रविड़ बतौर खिलाड़ी कभी वर्ल्ड चैंपियन का ख्वाब तो नहीं पूरा कर पाए लेकिन कोच के तौर पर उन्होंने आखिरकार चैंपियन का स्वाद चख ही लिया. इसके लिए द्रविड़ को लंबा इंतजार करना पड़ा और वेस्टइंडीज की उसी धरती पर ताज मिला जहां कभी आंखों से आंसू भी बहे थे. आंसू तो इस बार भी बहे लेकिन ये खुशी के आंसू थे पर 2007 में जो हुआ था वो द्रविड़ और टीम इंडिया के लिए बुरे सपने जैसा था.

तब श्रीलंका-बांग्लादेश से हार गया था भारत
2007 में वेस्टइंडीज में हुए वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया राहुल द्रविड़ की अगुवाई में प्रबल दावेदार बनकर गई थी. मगर टीम का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि वो ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई. टीम इंडिया को बांग्लादेश और श्रीलंका से करारी हार का सामना करना पड़ा था. इससे भारतीय क्रिकेट प्रेमियों का गुस्सा फूट पड़ा था. पूरे देश में भारतीय टीम के खिलाफ प्रदर्शन हुए. कप्तान राहुल द्रविड़, महेंद्र सिंह धोनी समेत कई क्रिकेटरों के पूतले फूंके गए.

धोनी ने 2007 में ही बनाया चैंपियन
राहुल द्रविड़ को कप्तानी गंवानी पड़ी थी. हालांकि 2007 में ही जब पहला टी 20 वर्ल्ड चैंपियनशिप दक्षिण का में खेला गया तो धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया चैंपियन बनी. तब 1983 के बाद यानी 24 साल बाद वर्ल्ड कप ट्रॉफी मिली थी. 17 साल बाद जब टीम इंडिया दोबारा टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनी तो मैदान वेस्टइंडीज का था और फाइनल में सामने साउथ अफ्रीका की टीम थी.

17 साल पहले वेस्ट इंडीज में जिस कप्तान द्रविड़ के आंखों में हार के आंसू थे, इस बार उसी वेस्ट इंडीज में कोच द्रविड़ की आंखों में खुशी के आंसू निकले. अब इसे वनवास खत्म होना कहें या कुछ और मगर राहुल द्रविड़ टीम को ताज दिलाकर ही कोच की पारी भी विराम लगाएंगे.

Tags: Icc T20 world cup, India vs South Africa, Rahul Dravid, T20 World Cup, Team india



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