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Sunday, February 23, 2025

बुजुर्ग महिला की सोने की ईंटें चुराना चोरों को पड़ा भारी, जानिए पूरा माजरा

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Agency:News18 Uttar Pradesh

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रायबरेली जिले के एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी आरोपियों से अलग-अलग वह मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई तो पता चला कि सोने की ईट के लालच में घटना को आरोपियों ने अंजाम दिया था.

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प्रेस कांफ्रेंस करते एएसपी रायबरेली संजीव कुमार सिन्हा 

हाइलाइट्स

  • रायबरेली में नकली सोने की ईंट के लालच में 12 टप्पेबाज़ गिरफ्तार.
  • गुड़िया ने बुज़ुर्ग महिला को झांसा देकर आभूषण चुराए.
  • पुलिस ने मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ कर मामले का खुलासा किया.

रायबरेली: रायबरेली में नकली सोने की ईंट की टप्पेबाज़ी करने वाले बारह असली टप्पेबाज़ों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. खास बात यह है कि टप्पेबाज़ जिस सोने की ईंट के लालच में अपराध की दलदल में फंसे वह बाद में नकली निकली. मामला भदोखर थाना इलाके के लखनऊ प्रयागराज मार्ग का है. यहां दो दिन पहले एक बुज़ुर्ग महिला का आभूषण से भरा बैग कुछ टप्पेबाज़ उस समय उड़ा ले गये थे. जब वह महिला इलाज कराने के बाद अपने घर डलमऊ लौट रही थी. पुलिस ने इस मामले की गहराई से छानबीन की तो 6 बाल अपराधी समेत कुल 12 टप्पेबाज़ गिरफ्त में आ गए.

दरअसल, डलमऊ थाना इलाके के कौशेलीदना गांव निवासी बुज़ुर्ग वादिनी मनोरानी तिवारी के पति का देहांत हो चुका है. वह अकेले ही रहती हैं. इसी बीच पास के गांव निवासी गुड़िया नाम की महिला स्वयं सहायता समूह बनाने के दौरान उनके संपर्क में आई, तो मनोरानी देवी ने गुड़िया से कहा कि तुम समूह के कार्य में इतना घूमती रहती हो और फिर भी तुमको पैसों का अभाव है. मनोरानी ने उसे सुझाव देते हुए कहा कि वह अकेले रहती है और उसके पास सोने की कई ईंट हैं. अगर तुम मेरी सेवा सत्कार करो तो मेरे बाद वह ईंट तुम्हारी होंगी. गुड़िया सहर्ष तैयार तो हो गई, लेकिन वह सोने का अंडा पाने के चक्कर में मुर्गी को ही हलाल करने की जुगत में लग गई.

पलक झपकते ही गायब किया जेवर

गुड़िया को यह मौका तब मिला जब मनोरानी की तबियत खराब हुई. गुड़िया ने उसे अस्पताल में दिखाने के लिए तैयार किया. साथ ही यह भी सुझाव दिया कि घर का सारा कीमती ज़ेवर व सोने की ईंट उसे झोले में रख कर साथ ले चलना चाहिए वरना खाली घर से उनकी चोरी हो सकती है. मनोरानी तिवारी ने वैसा ही करते हुए सारे ज़ेवर साथ ले लिए. शहर स्थित निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने के बाद एक कार में बैठा कर गुड़िया गांव के लिए रवाना हुई. गांव पहुंचने से पहले ही भदोखर थाना इलाके में मुंशीगंज के पास कुछ लड़कों का एक झुण्ड अचानक कार के पास आया और पलक झपकते ही कार में पीछे रखा आभूषण का झोला गायब हो गया.

प्लानिंग के साथ दिया घटना को अंजाम

दरअसल, यह पूरी कहानी गुड़िया ने पहले ही सेट कर रखी थी. गुड़िया ने अपने दो बेटों को बता रखा था कि कार जब मुंशीगंज के पास पहुंचेगी, तो उसे इण्डिकेटर जलाकर सचेत कर दिया जाएगा. गुड़िया के दो बेटे अपने नाबालिग दोस्तों के साथ खड़े थे. मुंशीगंज के पास जैसे ही कार ने इण्डिकेटर जलाकर सिग्नल दिया गुड़िया के बेटे व दोस्तों ने कार को घेर लिया और एक ने खुले शीशे से पिछली सीट से झोला पार कर दिया. कार का ड्राइवर भी टप्पेबाज़ गैंग का ही सदस्य था.

नकली निकला सोने के ईंट

पुलिस इस मामले में गुड़िया को शुरू से संदिग्ध मानकर चल रही थी. इस गैंग का खुलासा करने वाली टीम के मुखिया दयानन्द तिवारी ने जब कड़ी से कड़ी मिलाई तो सभी टप्पेबाज़ गिरफ्त में आ गए. इस पूरी घटना में सबसे रोचक तथ्य तब सामने आया जब सभी लोग पकड़ लिये गये और माल बरामद हुआ. उसके बाद पूछताछ के लिये एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा थाने पहुंचे तो उन्हें बरामद माल में से पीले रंग की सोने की ईंट पर उन्हें शंका हुई. उन्होंने मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाते हुए आरोपियों से कहा कि जिस ईंट के लिए तुमने अपराध किया वह नकली है. उधर वादिनी को लगा कि उसका राज़ खुल गया है, तो उसने कहा कि बुढ़ापे में सेवा सत्कार हो इसलिए उसने यह प्रचारित कर रखा था कि उसके पास सोने की ईंट है. हालांकि, ईंट के अलावा बरामद अन्य चांदी के आभूषण असली हैं.

मनोवैज्ञानिक तरीके से हुई पूछताछ में खुला राज

लोकल 18 से बात करते हुए रायबरेली जिले के एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी आरोपियों से अलग-अलग वह मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई, तो पता चला कि सोने की ईट के लालच में घटना को आरोपियों ने अंजाम दिया था.

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