बेरूत में मारे गए हिजबुल्लाह प्रमुख की मौत के विरोध में भारत में भी प्रदर्शन किया गया। जम्मू-कश्मीर के बडगाम में हिजबुल्लाह के सपोर्ट में लोग सड़कों पर उतर आए। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक बच्चों सहित बड़ी संख्या में लोग काले झंडे लेकर शहर के हसनाबाद, रैनावाड़ी, सैदाकदल, मीर बिहारी और आशाबाग इलाकों में सड़कों पर उतर आए। हालांकि, प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने इजराइल और अमेरिका-विरोधी नारे लगाए और लेबनानी चरमपंथी समूह के शीर्ष नेता की हत्या की निंदा की। सोशल मीडिया पर इस प्रदर्शन के वीडियो भी बड़ी संख्या में वायरल हो रहे हैं। प्रदर्शन को देखते हुए इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता आगा रूहुल्ला ने इस प्रदर्शन का साथ देते हुए अपना चुनाव प्रचार रद्द कर दिया तो वहीं पीडीपी की महबूबा मुफ्ती ने भी अपना प्रचार अभियान रद्द कर दिया।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस प्रदर्शन को करने में भूमिका निभाने वाले अंजुमन-ए-शरी के अध्यक्ष शियान आगा सैयद ने कहा कि हम उनकी (हसन नसरल्लाह) मौत पर कितना भी शोक मनाएं, यह हमेशा कम होगा… शांति होनी चाहिए और यही उनका मिशन था। उस पर आतंकवाद में शामिल होने का आरोप लगाया गया था ताकि लोगों को पता न चले कि वह मानवता के लिए क्या कर रहा है और वह क्या चाहता है। वह फिलिस्तीन के लोगों के लिए फिलिस्तीन को आजाद कराना चाहता था। मैं पूरी मानज जाति से और इस्लामिक देशों के लोगों से यह कहना चाहता हूं कि उनकी शहादत ऐसे ही नहीं जाने देना चाहिए। उनकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन इतना तय है कि उनके खून से हजारों नसरल्लाह पैदा होंगे और इस मिशन को आगे बढ़ाएंगे और सफलता हासिल करेंगे।
हिजबुल्ला को पश्चिम एशिया के देश लेबनान में एक शक्तिशाली अर्धसैनिक एवं राजनीतिक ताकत में तब्दील करने में अहम भूमिका अदा करने वाला संगठन का सरगना हसन नसरल्ला इजराइली हवाई हमले में मारा गया है।
नसरल्ला ने 2006 में इजराइल के खिलाफ हिज्बुल्ला के युद्ध का नेतृत्व किया था। हिज्बुल्ला ने एक बयान में कहा, हिज्बुल्ला के महासचिव सैयद हसन नसरल्ला अपने साथी महान शहीदों में शामिल हो गए हैं, जिनका उन्होंने 30 वर्षों तक एक जीत से दूसरी जीत तक नेतृत्व किया था।