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Monday, August 26, 2024

जब औरंगजेब ने किया था तलवार से वार…तो बहने लगा था इस शिवलिंग से खून

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रजनीश यादव /प्रयागराज: आस्था की नगरी प्रयागराज अपने धार्मिक एवं पौराणिक कथाओं की चलते देशभर के भक्तों को आकर्षित करता है. यहीं पर सबसे पहले भगवान ब्रह्मा के द्वारा किए गए यज्ञ का भी साक्षी मिलता है. प्रयागराज के दारागंज में स्थित दशाश्वमेध घाट पर भगवान ब्रह्मा द्वारा स्थापित शिवलिंग आज भी मौजूद है, जिसे देखने के लिए लोग दू-दूर से आते हैं. इस शिवलिंग पर मुगल काल में औरंगजेब ने तलवार से हमला भी किया था. फिर क्या हुआ था, जानें इस आर्टिकल में.

दश्वमेघेश्वर शिवलिंग की है यह कहानी
भगवान ब्रह्मा के द्वारा किए गए प्रथम यज्ञ का साक्षी प्रयागराज संगम पर आज भी मौजूद है. इसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है. दश्वमेघेश्वर मंदिर के पुजारी अंबुज द्विवेदी बताते हैं कि इस मंदिर में स्थापित  शिवलिंग की स्थापना भगवान ब्रह्मा के द्वारा धरती पर किए गए प्रथम यज्ञ के बाद की गई थी. इस बारे में शिव महापुराण के कोटि रूद्र संहिता में भी जानकारी दी गई है. भगवान ब्रह्मा के द्वारा स्थापित या शिवलिंग पूरी दुनिया में एक ही है, लेकिन मुगलों के आक्रमण में इसका इतिहास बदल दिया.

मुगलों से भी जुड़ा है यह मंदिर
अंबुज द्विवेदी बताते हैं कि औरंगजेब जब अकबर द्वारा बनाए गए किले में आए थे, उसी दौरान इन्होंने प्रयागराज में स्थित कई मंदिरों में स्थापित मूर्तियों को खंडित करने का प्रयास किया. जब औरंगजेब ने अपनी तलवार से दश्वमेघेश्वर शिवलिंग पर वार किया, तो शिवलिंग से रक्त की परवाह होने लगा. इससे वह इस शिवलिंग को जिंदा समझकर छोड़कर चले गए. लेकिन सनातन धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है. इसी के चलते यहां के पुजारी ने भगवान ब्रह्मा के नाम से ब्रह्मेश्वर शिवलिंग की स्थापना कर दी.

भगवान ब्रह्मा के साथ एकमात्र शिवलिंग
अंबुज द्विवेदी बताते हैं कि वैसे तो कई प्रमुख मंदिरों में एक साथ कई शिवलिंग स्थापित किए गए हैं, लेकिन भगवान ब्रह्मा और भगवान शिव की शिवलिंग की स्थापना केवल प्रयागराज के दश्वमेघेश्वर घाट पर स्थित है. सावन के दौरान इस मंदिर में भक्त जमकर पूजा करते हैं.

Tags: Local18, Prayagraj News



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