महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा टूटने का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है। इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तक ने माफी मांग ली है। पीएम मोदी के माफी मांगने के बाद मामला शांत होने की बजाय और गरम हो गया। महाराष्ट्र की सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की है तो ‘इंडिया’ गठबंधन ने इस मामले को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महाविकास अघाड़ी ने मेगा मुंबई प्रोटेस्ट का ऐलान कर दिया है। वहीं प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सत्ताधारी बीजेपी विपक्ष के इस प्रदर्शन का जवाब देने के लिए अलग प्रदर्शन करने जा रही है।
रविवार को गेट वे ऑफ इंडिया के पास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया और सुरक्षा कारणों से आम लोगों के यहां आने पर रोक लगा दी गई। हुतात्मा चौक से शुरू होने वाले इस मार्च में शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे और एनसीपी (शरद पवार) चीफ शरद पवार भी शामिल हो रहे हैं। विपक्ष ने इस विरोध प्रदर्शन को ‘जोड़े मारो’ प्रोटेस्ट का नाम दिया है। इसका मतलब होता है ‘चप्पल मारना’।
शिवसेना की तरफ से कहा गया की महाराष्ट्र की स्वाभिमान जगाने के लिए वे शिवाजी के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने जा रहे हैं। वहीं शरद पवार के गुट की ओर से कहा गया कि भ्रष्ट शिवद्रोहियों को छोड़ा नहीं जाएगा। कांग्रेस की महाराष्ट्र यूनिट ने कहा है कि शिवद्रोहियों को सबक सिखाने के लिए इस मार्च का आयोजन किया जा रहा है। बता दें कि 35 फीट ऊंची जो प्रतिमा गिर गई है उसका अनावरण पिछले साल पीएम मोदी ने ही किया था। सरकार के साथ नौसेना ने यह प्रोजेक्ट पूरा किया था। पुलिस ने संरचना सलाहकार को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उसपर दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालने का केस दर्ज किया गया है।
बीजेपी का कहना है कि विपक्ष इस मामले में फालतू की राजनीति करके लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहा है। आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ही विपक्ष मामले को तूल दे रहा है। बीजेपी ने कहा कि शिवाजी के प्रति विपक्ष जो प्रेम दिखा रहा है वह दिखावाभर है। बीजेपी ने कहा कि राफेल के मामले में राहुल गांधी ने भी माफी मांगी थी तब उन लोगों ने प्रदर्शन क्यों नहीं किया था। क्या प्रधानमंत्री की माफी भी काफी नहीं है? BJP के प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी का युवा मोर्चा पूरे महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमाओं के पास में प्रदर्शन करेगा और लोगों को बताएगा कि कांग्रेस की सरकार ने शिवाजी के किलों को बचाने के लिए कोई काम नहीं किया।