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ताइवान पिंक अमरूद की खेती मई में शुरू करें, यह स्वादिष्ट और जल्दी तैयार होने वाला फल है. हाई डेंसिटी प्लांटेशन से कम जमीन में ज्यादा उत्पादन संभव है. बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है.
अमरूद की खेती
हाइलाइट्स
- ताइवान पिंक अमरूद की खेती मई में शुरू करें.
- हाई डेंसिटी प्लांटेशन से कम जमीन में ज्यादा उत्पादन.
- ताइवान पिंक अमरूद की बाजार में मांग बढ़ रही है.
शाहजहांपुर: अगर आप खेती से अच्छी कमाई करना चाहते हैं और किसी खास फसल की तलाश में हैं, तो ताइवान पिंक अमरूद की बागवानी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. खासकर मई का महीना इस अमरूद की खेती शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. उद्यान विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय मौसम पौधों की बढ़वार के लिए अनुकूल होता है और मिट्टी में जरूरी नमी भी बनी रहती है.
ताइवान पिंक अमरूद एक खास किस्म का अमरूद होता है, जो अपने बेहतरीन स्वाद, गुणवत्ता और तेज़ उपज के लिए जाना जाता है. इसकी सबसे खास बात यह है कि ये पौधे लगाने के केवल 7 से 8 महीने बाद ही फल देने लगते हैं, और एक साल के अंदर पूरी तरह तैयार हो जाते हैं.
बारिश से पहले लगाएं पौधे
मई में पौधे लगाने से पौधों को मिट्टी में अच्छे से जमने का समय मिल जाता है और बरसात आने से पहले उनकी ग्रोथ शुरू हो जाती है. अगर किसान इस समय पौधे लगाते हैं, तो उनकी उत्पादन क्षमता भी बेहतर हो जाती है. जुलाई में कुछ किसान पौधे लगाते हैं, लेकिन इस समय बारिश के कारण मिट्टी में ज्यादा नमी होने से पौधों की जड़ें सड़ने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे नुकसान हो सकता है.
हाई डेंसिटी प्लांटेशन से कम जमीन में ज्यादा उत्पादन
हाई डेंसिटी खेती का मतलब है कम जगह में ज्यादा पौधे लगाना. ताइवान पिंक अमरूद की खेती में ये तरीका बहुत फायदेमंद होता है. इसमें पौधे से पौधे के बीच 6 फीट और लाइन से लाइन के बीच 8 फीट की दूरी रखी जाती है. अगर आप और घना बाग लगाना चाहें तो यह दूरी 5 फीट तक भी रख सकते हैं.
हर पेड़ से 12 किलो
इस तरीके से एक एकड़ में सैकड़ों पौधे लगाए जा सकते हैं और हर पेड़ से करीब 10 से 12 किलो तक अमरूद मिल सकता है. सबसे अच्छी बात यह है कि ताइवान पिंक अमरूद की फसल साल में दो बार ली जा सकती है, जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी हो सकती है.
बाजार में है अच्छी मांग
उद्यान वैज्ञानिक राहुल वर्मा बताते हैं कि ताइवान पिंक अमरूद की मांग बाजार में तेज़ी से बढ़ रही है. इसका स्वाद लोगों को पसंद आता है और यह जल्दी तैयार भी हो जाता है. किसान कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं, क्योंकि न तो इसमें बहुत ज्यादा खाद की जरूरत होती है और न ही बार-बार देखभाल करनी पड़ती है.


मनीष कुमार पिछले 15 सालों से न्यूज की दुनिया में सक्रिय हैं. रेडियो, टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले 5 साल से News18Hindi में कार्यरत हैं. खेल से राजनीति और फिर ब…और पढ़ें
मनीष कुमार पिछले 15 सालों से न्यूज की दुनिया में सक्रिय हैं. रेडियो, टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले 5 साल से News18Hindi में कार्यरत हैं. खेल से राजनीति और फिर ब… और पढ़ें