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Pilibhit Tiger Reserve News : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व को रियल एस्टेट कंपनी M3M ने थर्मल ड्रोन और किट्स मुहैया कराए हैं. इससे रात में बाघों की निगरानी आसान होगी. बढ़ती बाघों की संख्या के बाद भी इंसा…और पढ़ें
PTR को मिला थर्मल ड्रोन.
हाइलाइट्स
- पीलीभीत टाइगर रिजर्व को थर्मल ड्रोन मिला.
- रियल एस्टेट कंपनी M3M ने मदद की.
- रात में बाघों की निगरानी होगी आसान.
पीलीभीत. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के लिए देश की नामचीन रियल एस्टेट कंपनी M3M मददगार साबित हो रही है. बीते साल कंपनी ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व के साथ मिलकर एक MOU साइन किया था, जिसके तहत पीटीआर में कई काम होने हैं. हाल ही में कंपनी की ओर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व को एक थर्मल ड्रोन व किट्स मुहैया कराया गया है.
यूपी का पीलीभीत टाइगर रिजर्व देश का तेजी से उभरता इको टूरिज्म डेस्टिनेशन है. बढ़ती बाघों की संख्या के चलते यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन बढ़ती बाघों की संख्या अपने साथ चुनौती भी लेकर आई है, इसमें इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष सबसे प्रमुख है. बीते समय से पीटीआर प्रशासन इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की रोकथाम के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी से जूझ रहा था.
थर्मल ड्रोन से गस्त होगी आसान
ऐसे में देश की नामचीन कंपनी M3M ने अपने सीएसआर फंड से पीलीभीत टाइगर रिजर्व के साथ मिलकर संसाधनों की पूर्ति के लिए MOU साइन किया है. इसके तहत संस्था ने फिर भी टाइगर रिज़र्व के 275 वन कर्मियों को फॉरेस्ट किट्स प्रदान किया है. जिसमें वन कर्मियों के लिए गश्त के दौरान आवश्यक सभी वस्तुएं मौजूद रहेंगी. इसी के साथ संस्था ने पीलीभीत टाइगर रिज़र्व को एक थर्मल ड्रोन भी मुहैया कराया है.
रात में भी प्रभावी होगी निगरानी
वर्तमान में पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में 73 से भी अधिक बाघ मौजूद हैं. जानकारों का मानना है कि 730 वर्ग किमी. में फैला यह जंगल इतने अधिक बाघों को वास स्थल देने में नाकाफी साबित हो रहा है. यही कारण है कि जंगल से सटे पीलीभीत के अलग-अलग इलाकों में बाघ व तेंदुए आबादी के बीच डेरा डाले रहते हैं. आबादी के बीच एक बार आसान शिकार मिल जाने के बाद यह इन्हीं खेतों को अपना ठिकाना बना लेते हैं.
बाघों की निगरानी कड़ी चुनौती
ऐसे में कई बार मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी घटित हो जाती है. आबादी में आए बाघों की गन्ने समेत अन्य खेतों में निगरानी करना एक बड़ी चुनौती रहती है. थर्मल ड्रोन की मदद से रात में भी ऐसी परिस्थितियों में और प्रभावी ढंग से निगरानी की जा सकेगी. पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि प्रभावी निगरानी के लिए संसाधनों को लगातार बढ़ाया जा रहा है. संस्था की ओर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व को संसाधन मुहैया कराए हैं.
Pilibhit,Pilibhit,Uttar Pradesh
February 28, 2025, 16:16 IST
रात में बाघों की निगरानी होगी आसान… PTR में के लिए मददगार बनी ये संस्था