नई दिल्ली:
एक पीला, प्यारा सा कार्टून कैरेक्टर, जिसे दुनिया ‘पिकाचु’ के नाम से जानती है, अब केवल बच्चों की पसंदीदा पोकेमॉन सीरीज का हिस्सा नहीं रहा. यह छोटा सा किरदार अब सड़कों पर विरोध का प्रतीक बनकर उभरा है. तुर्किए से लेकर अमेरिका तक, पिकाचु की मौजूदगी प्रदर्शनों में लोगों का ध्यान खींच रही है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. आखिर कैसे एक काल्पनिक किरदार वास्तविक दुनिया में बदलाव की आवाज बन गया? आइए, इस अनोखी कहानी को समझते हैं.
तुर्किए से पिकाचु की हुई शुरुआत
तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल में हाल ही में राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए. ये प्रदर्शन इस्तांबुल के मेयर एकरेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुए, जिन्हें एर्दोगान का प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है. भ्रष्टाचार और चरमपंथी संगठन से जुड़े आरोपों के तहत उनकी गिरफ्तारी को विपक्ष ने राजनीतिक साजिश करार दिया. इसके विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. इसी दौरान एक शख्स ने प्रदर्शन में अनोखा तरीका अपनाया. उसने पिकाचु की पीली ड्रेस पहनकर भीड़ में शिरकत की. यह दृश्य उस समय और रोचक हो गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार शुरू की. पिकाचु की पोशाक में यह शख्स पुलिस से बचने के लिए सड़क पर दौड़ता नजर आया. किसी ने इस पल को अपने कैमरे में कैद कर लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
यह वीडियो न केवल तुर्किए में चर्चा का विषय बना, बल्कि इसने पिकाचु को विरोध के एक नए प्रतीक के रूप में स्थापित कर दिया. लोग इसे हास्य और साहस का मिश्रण मान रहे हैं. सोशल मीडिया पर यूजर्स ने लिखा कि पिकाचु अब सिर्फ पोकेमॉन नहीं, बल्कि आजादी की लड़ाई का हिस्सा है. इस घटना ने दुनिया भर में लोगों का ध्यान खींचा और जल्द ही यह ट्रेंड अन्य देशों में भी फैलने लगा.
अमेरिका में भी पिकाचु का जलवा
अमेरिका में भी हाल ही के प्रदर्शनों के दौरान पिकाचु की झलक देखने को मिली. वहां हो रहे आंदोलनों में कुछ प्रदर्शनकारी पिकाचु की पोशाक में नजर आए. यह संयोग नहीं है कि लोग इस किरदार को चुन रहे हैं. पिकाचु, जो पोकेमॉन सीरीज में अपनी छोटी शक्ल और बड़ी ताकत के लिए जाना जाता है, अब कमजोर दिखने वाले लोगों की ताकत का प्रतीक बन गया है. यह एक तरह से सत्ता के खिलाफ छोटे लोगों की बड़ी लड़ाई को दर्शाता है.
पिकाचु का विरोध का प्रतीक बनना इसलिए भी खास है क्योंकि यह लोगों के बीच एकजुटता और रचनात्मकता को दर्शाता है. तुर्किए में जहां यह पुलिस के दमन के खिलाफ हल्के-फुल्के अंदाज में विद्रोह का प्रतीक बना, वहीं अमेरिका में यह सामाजिक बदलाव की मांग को मजेदार तरीके से पेश कर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे प्रतीक आंदोलनों को व्यापक पहचान दिलाते हैं और युवाओं को जोड़ने में मदद करते हैं.