हिसार
सरसों की फसल को ऑनलाइन करवाने का बुधवार को अंतिम दिन था। जिले के हजारों किसान अपनी सरसों को ऑनलाइन नहीं करवा सके। इसके अलावा जो किसान पहले ही अपनी सरसों का ऑनलाइन करवा चुके हैं, अब तक वे किसान भी सरकारी रेट पर अपनी सरसों को नहीं बेच पाए हैं। सरसों ऑनलाइन करने में अनेक गलतियां सामने आ रहीं। गंगवा गांव के एक किसान ने कुछ दिन पहले अपनी सरसों ऑनलाइन करवाई थी पर उसके मोबाइल में मैसेज की आपकी गेहूं ऑनलाइन हो गई है। वहीं बड़वा गांव के एक किसान ने जब अपनी सरसों ऑनलाइन करवाई तो मार्कीट कमेटी के कर्मचारियों ने उसकी मंडी हिसार अपलोड कर दी। जबकी बड़वा गांव भिवानी जिले में आता है। ऐसे में वह किसान कभी भिवानी तो कभी हिसार की अनाज मंडी के चक्कर काट रहा है। ऑनलाइन करवाने से वंचित रहे किसानों ने डेट बढ़ाने की मांग की है। किसानों ने बताया कि सरसों की सरकारी खरीद में शर्तों को हटाया जाए।
ई-ट्रेडिंग व किसान को सीधे भुगतान के विरोध में बुधवार को हरियाणा राज्य अनाजमंडी आढ़ती एसोसिएशन ने अनाजमंडी के मेन गेट पर हड़ताल की। हड़ताल के दौरान आढ़तियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के विरोध नारेबाजी की। हड़ताल पर बैठे आढ़तियों ने कहा कि अनाज की खरीद ऑनलाइन करने, मंडी के गेट पर किसान की फसल कम्प्यूटर में दर्ज करने व व्यापारियों का सारा लेखा-जोखा ऑनलाइन करने के विरोध में आढ़ती हड़ताल पर हैं। हड़ताल की अध्यक्षता व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के चेयरमैन बजरंग गर्ग, मंडी जिला प्रधान पवन गर्ग, मंडी प्रधान संजय गोयल ने की। हड़ताल के दौरान अनाजमंडी में सरसों खरीद का कार्य भी ठप्प रहा।
आढ़तियों ने सरकार को चेतावनी दी की अगर 2 दिन में हमारी मांग पूरी नहीं की गई तो प्रदेश की किसी भी अनाजमंडी में सरसों व गेहूं की खरीद नहीं होने देंगे। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार अनाज की खरीद में नई-नई शर्तें लगाकर देश के किसान व आढ़तियों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। यह सरकार किसान व आढ़तियों का भाईचारा खराब में जुटी हुई है। सरकार ने अपना तानाशाही फरमान वापस नहीं लिया तो अनाज मंडियों के समर्थन में 12 अप्रैल को व्यापार मंडल की राज्यस्तरीय बैठक करके पूरा हरियाणा बंद का आह्वान किया जाएगा।