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Wednesday, November 13, 2024

सिर्फ एक बटन दबते ही सामने होंगी सारी बीमारियां, नोएडा में खुली खास अल्ट्राउंड मशीन बनाने वाली कंपनी

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नोएडा: अब AI आधारित अल्ट्रासाउंड मशीन सिर्फ एक बटन दबाने पर कई बीमारियों की जानकारी देगी. इसमें यूज होने वाला पेपर और कलर भी वातावरण के अनुकूल है और इकोफ्रेंडली है. इटालियन मेडिकल इमेजिंग की अग्रणी कंपनी एसाओटे ग्रुप ने अपनी सहायक कंपनी एसाओटे एशिया पैसिफिक डायग्नोस्टिक के माध्यम से भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है. नोएडा स्थित नए विनिर्माण स्थल पर कंपनी की अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड सीरीज का निर्माण किया जाएगा, जो पूरी तरह से ‘मेड इन इंडिया’ पहल के तहत निर्मित की गई है. इसका उद्देश्य भारतीय स्वास्थ्य सेवा को अच्छे किस्म के उपकरण उपलब्ध कराना है, जिसमें माई लैब ए, माई लैब ई-सीरीज और कॉम्पैक्ट पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड शामिल हैं.

आधुनिक तकनीक से लैस होगी मशीन
एसाओटे के इस नए संयंत्र में निर्मित उत्पाद विशेष रूप से भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. इनमें ‘ऑगमेंटेड इनसाइट TM’ तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे कार्यक्षमता और सटीकता में सुधार होता है. इसके अलावा ये अल्ट्रासाउंड सिस्टम टचस्क्रीन कंट्रोल पैनल, कॉम्पैक्ट डिजाइन और मोबाइल सुविधाओं के साथ हल्के वजन के हैं. इससे इनका उपयोग और संचालन आसान हो जाता है. एआई आधारित तकनीक और उन्नत इमेजिंग सुविधाओं से लैस ये उपकरण भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में तेज और विश्वसनीय निदान में सहायक होंगे जो कि सटीकता और आत्मविश्वास के साथ निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

एक बटन दबाने पर पता चलेगी कई बीमारी
आपको बता दें कि कंपनी पिछले 20 सालों से भारतीय बाजार में सक्रिय है. अब ‘मेड इन इंडिया’ पहल के तहत नोएडा में स्थापित हुई यह यूनिट स्थानीय निर्माण और आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाएगी. यह पहल न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में सहायक होगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

एसाओटे एस.पी.ए. के सीईओ फ्रेंको फोंटाना, एसाओटे की भारतीय इकाई के कंट्री बिजनेस डायरेक्टर, धीरज नासा और कंपनी के सीओओ यूजेनियो बिग्लिएरी ने बताया कि ये आधुनिक तकनीकि पर आधारित अल्ट्रासाउंड मशीन में सिर्फ एक बटन दबाने पर कई बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा. इसकी कीमत की बात करें तो परंपरागत यानी की पहले से चली आ रही आधुनिक मशीनों से इसकी कीमत में ज्यादा फर्क नहीं होगा.

100 से अधिक देशों में पहुंच
कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस मशीन के द्वारा अल्ट्रासाउंड कराने वाले मरीजों के परिजनों की जेब पर भी कोई असर नहीं पड़ने वाला. इसमें यूज होने वाले पेपर और कलर की बात करें तो एक दम वातावरण के अनुकूल है और इकोफ्रेंडली है. इससे जांच कराने वाले व्यक्ति या वातावरण को कोई हानि नहीं पहुंचेगी.

एसाओटे अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और डायग्नोस्टिक प्रबंधन सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में अग्रणी है. इसने 2023 के अंत तक 1,250 कर्मचारियों के साथ अपना वैश्विक विस्तार किया है. कंपनी की उपस्थिति 100 से अधिक देशों में है और भारत में यह नया विनिर्माण स्थल इस दिशा में एक अहम कदम है.

Tags: Health, Local18, Noida news



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