नई दिल्ली. भारत को अगर पुणे टेस्ट मैच जीतना है तो उसे 359 रन बनाने होंगे. न्यूजीलैंड ने भारत के लिए यह मुश्किल लक्ष्य तय किया है. पुणे की पिच स्पिनरों को मदद कर रही है. हालात न्यूजीलैंड के पक्ष में हैं. लेकिन तकरीबन 16 साल पहले ऐसे ही तो हालात थे जब भारत ने मैच जीता था. तब सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने भारत को करिश्माई जीत दिलाई थी. अगर न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच जीतना है तो अब यह जिम्मेदारी किसी ना किसी बैटर को लेनी होगी.
आज से 16 साल पहले जब चेन्नई में टेस्ट मैच खेला गया तो भारत ने इतिहास रचा गया था. इंग्लैंड ने उस मैच में भारत को 387 रन का लक्ष्य दिया था. भारतीय सरजमीं पर उस मैच से पहले कभी 300 रन भी चेज नहीं हुए थे. ऐसे में 387 रन के लक्ष्य को कमजोर दिल वाले क्रिकेट फैन असंभव बताने लगे थे. लेकिन भारत ने ऐसा खेल दिखाया कि सबकुछ संभव हो गया. भारत ने महज 98.3 ओवर में 4 विकेट पर 387 रन बना लिए और नया इतिहास लिख दिया.
भारत ने जब 387 रन का लक्ष्य हासिल किया तब सचिन तेंदुलकर ने शतक बनाया था. उन्होंने 196 गेंद पर 103 रन की पारी खेली थी और अंत तक नाबाद रहे थे. युवराज सिंह (85) भी सचिन के साथ नाबाद लौटे थे. लेकिन सचिन और युवराज की इन पारियों के बीच वीरेंद्र सहवाग की उस पारी को कैसे भूला जा सकता था, जिसने भारत में जीत का भरोसा जगाया था. सहवाग ने 68 गेंद पर 83 रन की तूफानी पारी खेलकर अंग्रेज गेंदबाजों के हौसले पस्त कर दिए थे. टीम इंडिया के मौजूदा कोच गौतम गंभीर ने तब 66 रन की पारी खेली थी.
FIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 10:57 IST