आचार्य प्रशांत (Acharya Prashant) ने ‘एनडीटीवी युवा- यूथ फॉर चेंज’ कॉन्क्लेव में बताया कि युवा करियर और पैशन को कैसे एक साथ लेकर आगे बढ़ सकते हैं? उन्होंने कहा, ‘देखिए, जब भी शब्द संतुलन आएगा, तो असंतुलन पैदा हो जाएगा. क्योंकि संतुलन का मतलब ही होता है, दो चीजों को साथ लेकर चलने की कोशिश, जिनको साथ लेकर चलना बड़ा मुश्किल होता है. करियर और पैशन में से किसी एक को कर लिया, तो जीवन में मौज है. लेकिन दोनों को संतुलित करने की कोशिश करेगा, तो हर तरीके से असंतुलित हो जाएगा. वर्क लाइफ बैलेंस ऐसी खाई होती है, जिसे पाटा नहीं जा सकता है. अगर पैशन और करियर दोनों को पाटने की कोशिश करेंगे, तो आदमी ऐसा हो जाता है, जाता है जैसे दो नाव में सवार. फिर कई तरह की मानसिक समस्याएं पैदा होती है, फिर जिंदगी में एक भाव रहता है कि कुछ गलत जा रहा है.’