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Thursday, July 17, 2025

मशरूम की खेती में जरूरी है सही तापामान, एक्सपर्ट से जानें टेंपरेचर मेंटेन करने के टिप्स

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सहारनपुर: मशरूम उत्पादन में सहारनपुर जनपद उत्तर प्रदेश में नंबर एक स्थान पर है. यहां के किसान विभिन्न प्रकार के मशरूम की खेती करना पसंद करते हैं. लेकिन मौसम ठंडा होने से तापमान धीरे-धीरे घटता जा रहा है जिससे मशरूम की खेती करने वाले किसानों के सामने टेंपरेचर मेंटेन रखने की चुनौती आ गई है. मशरूम उत्पादन के लिए 15 से 24 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है लेकिन सहारनपुर का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से कम चल रहा है.

शुरू हुई समस्या
इस टेम्परेचर में मशरूम के गलन की समस्या उत्पन्न होनी शुरू हो जाती है. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी व प्रोफेसर डॉक्टर आई.के कुशवाहा बताते हैं कि विभिन्न चीजों का इस्तेमाल करके ये समस्या दूर की जा सकती है. जैसे मशरूम के रूम में नमी कम कर दें, टेंपरेचर बढ़ाने के लिए पुराने बल्ब, अंगीठी, हीटर आदि का इस्तेमाल करें.  इससे मशरूम में पैदा होने वाली गलन को रोका जा सकता है और टेंपरेचर को मेंटेन कर उत्पादन को प्रभावित होने से बचाया जा सकता है.

ऐसे करें टेंपरेचर मेंटेन 
डॉ. कुशवाहा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि मशरूम का उत्पादन सहारनपुर में चरम पर चल रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में ऑस्टर मशरूम की युवाओं के द्वारा यूनिट लगाई गई है. जिसके लिए 20 डिग्री से लेकर 25 डिग्री तक तापमान होना आवश्यक है साथ ही 80% नमी होनी चाहिए. जैसे टेंपरेचर कम होता है तो गलन की समस्या आने लगती है. ऐसे में किसान ऑस्टर और ढींगरी मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं.

नहीं होगा उत्पादन प्रभावित
इन किसानों के लिए जरूरी है कि मशरूम के कमरे में नमी को कम कर दें, नमी को कम करने के लिए कमरे में पानी को कम करना है. तापमान मेंटेन रखने के लिए अंदर गर्मी पैदा करने के लिए पुराने पीले बल्ब का इस्तेमाल कर सकते हैं, हीटर का प्रयोग कर सकते हैं, अंगीठी का प्रयोग कर सकते हैं, साथी कमरे को बंद रखें जिससे कि बाहर के टेंपरेचर से अंदर का टेंपरेचर अधिक रहे.

सर्दी के मौसम में मशरूम लगाने वाले किसान 
एक्सपर्ट आगे बताते हैं कि सर्दी शुरू होते ही कोई भी किसान अगर मशरूम लगाता है तो जैसे ही कंपोस्ट स्पान लगाने के बाद कमरे में आता है उस समय 20 से 25 डिग्री तापमान की आवश्यकता पड़ती है. अगर इस तापमान को मेंटेन रखते हैं तो स्पान अच्छे तरीके से रन करता है. साथ ही कंपोस्ट में कार्बन डाइऑक्साइड ज्यादा मात्रा में होनी चाहिए. इसके लिए कमरे को बंद कर देते हैं जिससे गर्मी पैदा होती है और कार्बन डाइऑक्साइड तेजी से बढ़ती है जिससे कंपोस्ट में स्पान तेजी से रन करता है, जिससे फल अच्छा आता है.

Tags: Agriculture, Local18, News18 uttar pradesh, Saharanpur news



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