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Thursday, September 19, 2024

यूपी के इस अस्पताल में अब 24 घंटे होगी जांच, स्थापित हो रही इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब

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पीयूष शर्मा/मुरादाबाद : मुरादाबाद के जिला चिकित्सालय में ब्लड व अन्य कई तरह की जांच की सुविधाओं में इजाफा होने जा रहा है. अब हाईप्रोफाइल इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री (आईपीएचएल) की स्थापना हो रही है. इसकी स्थापना होने पर चिकित्सालय की सभी लैब एक छत के नीचे आ जाएंगी.

अलग-अलग चल रही है जांच

चिकित्सालय में पैथोलॉजी विभाग के प्रभारी डॉ. अरुण तोमर ने बताया कि वर्तमान में माइक्रोबायोलॉजी, टीबी, एचआईवी, महिला से संबंधित जांचों की लैब अलग-अलग चल रही है. जब इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री की स्थापना हो जाएगी, तो जिला अस्पताल में जितनी भी लैब हैं. वह सब एक छत के नीचे आ जाएंगी.

इधर-उधर नहीं भागेंगे मरीज 

रोगियों को इधर-उधर भागना नहीं पड़ेगा.  कर्मचारियों  की रोस्टर बनाकर ड्यूटी लगेगी. माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित जांच के लिए दूसरी लैब है. फिलहाल पैथोलॉजी विभाग में रोगी की जो जांचें हो रही हैं वह प्रक्रिया इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री स्थापित होने के बाद भी जारी रहेगी. सुविधाएं और बढ़ेगी. रात में भी ब्लड व अन्य टेस्ट होने की सहूलियत हो जाएगी. वर्तमान में पैथोलॉजी विभाग में हार्मोन और बायोकेमिस्ट से संबंधित सभी जांच जैसे मलेरिया, टायफाइड, थॉयराइड आदि हो रही हैं. माइक्रोबायोलॉजी टेस्ट में जिला अस्पताल में केवल हेपेटाइटिस सी व डेंगू, एलाइजा लगाते हैं.

दोपहर दो बजे तक ब्लड टेस्ट की सुविधा

चिकित्सा अधीक्षक एवं मंडलीय अपर संगीता गुप्ता ने बताया कि इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री लैब में पुरानी लैब शिफ्ट की जाएंगी. इसमें महिला-पुरुष सभी रोगियों की टेस्टिंग की सुविधा रहेगी और 24 घंटे सैंपल होंगे और जांच रिपोर्ट दी जाएगी. ये सुविधा मिलने में अभी दो-ढाई महीने लगेंगे. वैसे अभी तक पुरानी लैब में प्रत्येक कार्यदिवस में दोपहर के दो बजे तक टेस्ट होते हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल में हार्मोन एनालाइजर मशीन काफी पुरानी है. यह जल्दी-जल्दी खराब हो जाती है. इसकी जगह नई मशीन खरीद के लिए मांग पत्र भेज रखा है. इसमें थायराइड, एचसीवी व अन्य टेस्ट की सुविधा हो जाएगी. एचसीवी मशीन की भी मांग कर रखी है. इस मशीन के आने से काला पीलिया जांच की सुविधा हो जाएगी।

पैथोलॉजी में लैब टेक्नीशियन का अभाव

पैथोलॉजी प्रभारी डॉ. अरुण तोमर ने बताया कि अभी स्टॉफ कम होने से पैथोलॉजी में रोगी को 24 घंटे सुविधा संभव नहीं है. दो लैब टेक्नीशियन हैं. शेष पांच टेक्नीशियन संविदा पर हैं. जबकि जरूरत कम से कम 15 लैब टेक्नीशियन की है. डॉ. दीपाली सैनी माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं. बायोकेमिस्ट कोई नहीं है. पैथोलॉजिस्ट दो है. इसमें डॉ. अरुण तोमर व डॉ. योगेंद्र सिंह शामिल हैं.

Tags: Hindi news, Local18



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