निर्मल राजपूत /मथुरा: अगर आपने मथुरा ARTO में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन किया है, तो कुछ जरूरी नियमों को जान लीजिए. क्योंकि, सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. लाइसेंस बनवाने के लिए अब टेस्ट की ऑटोमेटिक प्रक्रिया से गुजरना होगा. सीसीटीवी और ट्रेक पर लगे सेंसर बताएंगे कि आवेदक टेस्ट में पास हुआ है या फेल.
उत्तर प्रदेश सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं. यह प्रक्रिया अब मैन्युअल से हटकर ऑटोमेटिक कर दी गई है. ड्राइविंग टेस्ट देने आए अभ्यर्थियों को इस टेस्ट में पास होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा. इस टेस्ट में किसी भी व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं रहेगा. ट्रैक पर लगे सेंसर और सीसीटीवी आवेदक को पास या फेल करने का इशारा देंगे. ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में किए गए बदलाव की जानकारी DTI वृन्दावन के कार्यालय में तैनात रीजनल इंस्पेक्टर ( R.I ) नरेश कुमार ने देते हुए बताया कि शासन के मंशा के अनुरूप ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं. अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ऑटोमेशन टेस्ट को पास करना होगा. ऑटोमेशन टेस्ट में पास होने के बाद आवेदक का लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा.
क्या है ऑटोमेशन टेस्ट प्रक्रिया?
आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट देने से पहले यह जान ले की ऑटोमेशन टेस्ट प्रक्रिया क्या है. आवेदक को साइबर कैफे से आवेदन करने के बाद ARTO कार्यालय में अपना आवेदन जमा करना होगा. आरटीओ कार्यालय में टेस्ट की तारीख मिलने के बाद यहां आना होगा. एआरटीओ कार्यालय में तैनात कर्मचारी ग्राफ के जरिए यहां के नियमों के बारे में बताएंगे. आवेदक को नियमों की पूरी जानकारी होने के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. ऑटोमेशन प्रक्रिया के तहत ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आए आवेदक को टेस्ट देना अनिवार्य होगा. पूरी प्रक्रिया मानव रहित होगी. सीसीटीवी और ट्रैक पर लगे सेंसर इस प्रक्रिया को अंजाम देंगे.
हिडन कैमरे और सेंसर की होगी आवेदक पर नजर
आरआई ( R. I ) नरेश बताते हैं कि मारुती सुजुकी कंपनी को शासन ने ये टेंडर दिया है. कंपनी ने DTI वृन्दावन के कार्यालय में टावर लगवा दिए हैं. सभी टावरों पर CCTV कैमरे लगे हैं. ट्रैक पर सेंसर लगाए गए हैं. उन्होंने ये भी बताया कि आवेदक को सभी नियम जानने के बाद ही टेस्ट के लिए भेजा जाएगा. आवेदक एक चीज को अच्छी तरह से समझ ले कि टेस्ट देते समय सभी नियम ध्यान में रखे. उन्होंने कहा कि जिस गाड़ी से टेस्ट होगा उस गाड़ी में भी कैमरे और सेंसर लगे होंगे. टेस्ट देते समय जो भी एप्पलीकेंट गाड़ी में बैठकर टेस्ट देगा सेंसर और कैमरे की निगरानी में होगा. एक भी नियम का उल्लंघन आवेदक को टेस्ट से बाहर कर सकता है.
ट्रांसपेरेंट होगी ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट की पूरी प्रक्रिया
रीजनल इंस्पेक्टर ( R.I ) नरेश कुमार बताते हैं कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट होगी. पूरी प्रक्रिया को सेंसर और सीसीटीवी मॉनिटरिंग करेंगे. आवेदकों से यह अपील है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी दलाल के बहकावे में न आए. टेस्ट देते वक्त कोई भी तरह की धांधली नहीं बर्दाश्त की जाएगी. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की जो प्रक्रिया है, उसे पूरी तरह से स्वच्छ और साफ रखा जाएगा. कार्यालय का कोई भी कर्मचारी अगर लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 12:41 IST