हुआ यह था कि विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने तो हरियाणा के चौधरी देवीलाल उपप्रधानमंत्री बनाए गए. उपप्रधानमंत्री का पद लेने के लिए देवीलाल को हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी. तब देवीलाल महम से ही विधायक थे. देवीलाल ने अपने बेटे ओम प्रकाश चौटाला को मुख्यमंत्री बना दिया. मुख्यमंत्री बनने के बाद ओमप्रकाश चौटाला के लिए छह महीने के अंदर महम सीट को जीतना बेहद आसान माना जा रहा था. महम उपचुनाव का ऐलान हुआ तो अजीब खेल हो गया. महम चौबीसी खाप ने उपचुनाव में आनंद सिंह डांगी को अपना समर्थन दे दिया. यह वही डांगी थे, जिन्हें कभी देवीलाल का पांचवा बेटा कहा जाता था. मगर इनकी ओम प्रकाश चौटाला से उनकी अनबन हो गई और वे उपचुनाव में उन्हें चुनौती देने के लिए खड़े हो गए. बाद में ओम प्रकाश चौटाला के समर्थन में बूथ पर कब्जे के कारण उपचुनाव निरस्त कर दिया गया और 1991 में आनंद सिंह डांगी ही फिर विधायक बने. 1982 से यह सीट देवीलाल का गढ़ बना हुआ था, लेकिन डांगी ने देवीलाल का गढ़ ही छीन लिया. इसमें महम चौबीसी खाप की बड़ी भूमिका बताई गई. महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत में सात तपे आते हैं. जिसमें नदाना तपा, बहलबा तपा, महम तपा, मुंढ़ाल तपा, लाखनमाजरा तपा, सैमाण तपा व मोखरा तपा शामिल हैं.
डांगी के बाद कुंडू
1991 के चुनाव के बाद फिर 2005, 2009 और 2014 में आनंद सिंह डांगी कांग्रेस के टिकट पर जीते और इसे कांग्रेस का गढ़ बना दिया. मगर 2017 में एक बड़ी घटना हुई. 2017 में तात्कालीन जिला परिषद चेयरमैन बलराज कुंडू व शिमली गांव निवासी धनखड़ बंधुओं के बीच चले आ रहे रुपयों के लेन देन के मामले में महम चौबीसी के एतिहासिक चबूतरे पर बुलाई गई सर्वखाप पंचायत दो फाड़ होती दिखी. सर्वखाप पंचायत के प्रधान ने तपा प्रधानों को चिट्ठी भेज कर पंचायत बुलाने का संदेश जारी किया. वहीं कुछ तपा प्रधान इस मामले में होने वाली पंचायत का बहिष्कार करने की तैयारी में दिखे. बाद में यही बलराज कुंडू 2019 के चुनाव में आनंद सिंह डांगी को हराकर महम के विधायक बने.
कुंडू की फिर तैयारी
बलराज कुंडू ने अब हरियाणा जनसेवक पार्टी बना ली है. इस बार फिर वह महम से तो उनकी पत्नी एवं पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत कुंडू जुलाना से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. कुंडू ने महम में हुए रक्षाबंधन समारोह में मंच से यह घोषणा की थी. कुंडू ने बताया था कि बाकी टिकटों की घोषणा जल्द की जाएगी. कुंडू ने बताया था कि महम, जुलाना, उकलाना व कलायत सीट पर भी पार्टी की कड़ी निगाह है. बता दें कि कुंडू भाजपा के 2014 से 2019 तक के कार्यकाल में भाजपा में न केवल शामिल हुए, बल्कि जिला परिषद के चेयरमैन बने. 2019 में महम से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने शमशेर खरकड़ा को महम का टिकट दिया. कुंडू ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी आनंद सिंह डांगी को हराकर जीत दर्ज की. भाजपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे. 2019 में बनी भाजपा सरकार ने कुंडू की पटरी नहीं बैठी और वे विपक्ष में ही रहे. अब देखना ये है कि इस बार महम चौबीसी खाप किसका साथ देता है?
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