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महाकुंभ में आए छोटू बाबा का कहना है कि वह 32 सालों से नहीं नहाए हैं. बाबाजी किस आध्यात्मिक तकनीक से ऐसा करते हैं, वो तो पता नहीं लेकिन अगर सामान्य शख्स ऐसा करे तो क्या होगा
हाइलाइट्स
- नियमित न नहाने से दुर्गंध, संक्रमण और त्वचा रोग हो सकते हैं
- स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से नहाना ज़रूरी है
- जैन साधु जरूर कभी नहीं नहाते लेकिन गीले कपड़ों से खुद को पोंछते हैं
प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है. इसमें तरह तरह के सैकड़ों, हजारों बाबा और आध्यात्मिक साधक आए हुए हैं. कुछ बाबा वाकई विचित्र हैं, क्योंकि वो कुछ ऐसा कर रहे हैं, जो उन्हें असाधारण बना देता है. जैसे कि असम के छोटू बाबा हैं. उनका असली संबोधन तो गंगापुरी महाराज है लेकिन लोग उन्हें छोटू बाबा के नाम से ही जानते हैं. उनका दावा है कि उन्होंने 32 सालों से स्नान नहीं किया है. हमें ये तो नहीं मालूम कि इसके लिए वो कौन सी आध्यात्मिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं लेकिन साधारण मनुष्य तो एक महीने भी नहीं नहाए तो अस्वस्थ महसूस करने लगेंगे और उनके शरीर से दुर्गंध आने लगेगी.
छोटू बाबा 57 साल के 3 फीट के हैं. वह 32 सालों से स्नान नहीं करने को हठयोग से जोड़ते हैं. कहते हैं कि इसकी वजह उनकी एक इच्छा का 32 सालों से पूरा नहीं होना है. हालांकि जैन साधु भी कभी नहीं नहाते और ना केवल स्वस्थ रहते हैं बल्कि उनका शरीर भी हमेशा तरोताजा रहता है. दुनिया में एक ऐसा कबीला भी है जो ताजिंदगी नहीं नहाता. लेकिन आमतौर पर आम लोग अगर नहाना बंद कर दें तो उनके साथ क्या होगा.
मान लीजिए कि आप पूरे एक साल तक नहीं नहाते तो क्या होगा, मोटे तौर पर कहना चाहिए कि ऐसा करने पर आपसे भयानक गंध आने लगेगी, संक्रमण का खतरा होगा और त्वचा संबंधी कई रोग हो सकते हैं. कोई आपने पास भी नहीं खड़ा रहना चाहेगा.
अमेरिका की यूएस टूडे मैगजीन ने इसे लेकर लंबा आर्टिकल कुछ समय पहले पब्लिश किया था. इसमें न्यूयॉर्क में माउंट सिनाई मेडिकल सेंटर में त्वचाविज्ञान के एसोसिएट क्लिनिकल प्रोफेसर डॉ. कैमरून रोखसार ने बताया कि ऐसा करने पर क्या होगा. हालांकि उन्होंने सलाह दी कि ऐसा ना करें. खैर हम जानते हैं कि एक साल तक नहीं नहाने पर क्या क्या होगा.
365 दिनों तक बगैर स्नान के रहने पर किसी भी शख्स में काफी दुर्गंध विकसित हो जाएगी. (news18 gfx)
गंध आएगी
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि 365 दिनों तक बगैर स्नान के रहने पर किसी भी शख्स में काफी दुर्गंध विकसित हो जाएगी. ये बदबू शरीर के ऊपर गंदगी की कई परतों के बनने और उस पर जमा बैक्टीरिया के साथ त्वचा को हो रहे नुकसान से आएगी.
एक साल बाद त्वचा के ऊपर स्ट्रेटम कॉर्नियम, या मृत त्वचा का निर्माण होगा. इसमें एक प्रोटीन का निर्माण शामिल है जो हमारी त्वचा पैदा करती है जिसमें एक अजीब सी गंध होती है. बैक्टीरिया भी त्वचा पर जमा हो जाते हैं, जो हमारे पसीने के साथ मिलकर एक गंदी गंध छोड़ते हैं.
भूरे रंग के गुच्छे उग आएंगे
त्वचा विशेषज्ञ डॉ. लॉरेन प्लॉच के अनुसार, शुरुआत में त्वचा तैलीय या शुष्क हो जाएगी और फंगस या यीस्ट और फिर बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाएगी. त्वचा पर मौजूद गंदगी मस्से बढ़ने का कारण बन सकती है.
शिकागो कॉस्मेटिक सर्जरी और त्वचा विज्ञान के निदेशक डॉ. कैरोलीन जैकब ने कहा कि आपके शरीर के तैलीय हिस्सों में गंदगी और प्रदूषक जमा हो जाएंगे. ऐसा उन जगहों पर सबसे अधिक होता है जहां आपका शरीर सबसे अधिक तेल पैदा करता है, जैसे आपके बगल, कान के पीछे, गर्दन पर और महिला के स्तनों के नीचे.
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के फेलो जैकब ने कहा, शरीर की मृत त्वचा आम तौर पर सतह पर आ जाती है, जो सामान्य धुलाई से नहाने से निकलती रहती है लेकिन अगर आप लगातार नहीं नहाते तो ये काम रुक जाता है. तब मृत त्वचा शरीर के तेल के साथ चिपक जाती है. गुच्छे बढ़ेंगे. अन्य गंदगी के भी इकट्ठा होने से इतना रंग मटमैला, भूरा या काला हो जाएगा.
त्वचा पर मौजूद गंदगी मस्से बढ़ने का कारण बन सकती है. (news18 gfx)
संक्रमण का खतरा अधिक होगा
हमें शुरू से ही सिखाया जाता है कि कट लगने पर पहला कदम उसे धोना है. यदि आपने 365 दिनों में खुद को नहीं धोया है तो बैक्टीरिया का निर्माण होने लगेगा और संक्रमण से पीड़ित होने की अधिक आशंका रहेगी.
हालांकि संक्रमण शुरुआत में चिंता का विषय नहीं हो सकता है, लेकिन त्वचा पर बैक्टीरिया का बड़ा भार होते जाने से समस्या पैदा हो सकती है. अगर शरीर पर कट या खरोंच आ गई तो संक्रमण खतरनाक हो जाएगा.
सिर में खुजली होगी
सिर की त्वचा पर मृत त्वचा बन जाएगी. हम आमतौर पर इसे डैंड्रफ कहते हैं, जिसके कारण आपके सिर में खुजली होती है. एक साल के बाद सिर में “अत्यधिक खुजली” हो जाएगी.
खोपड़ी से निकलने वाले तेल और उस पर चिपकी गंदगी और प्रदूषक तत्वों से बाल भारी हो जाएंगे. ये काफी उलझे हुए दिखने लगेंगे. किसी चिड़िया के घोंसले की तरह.
त्वचा पर बैक्टीरिया का बड़ा भार होते जाने से समस्या पैदा हो सकती है. अगर शरीर पर कट या खरोंच आ गई तो संक्रमण खतरनाक हो जाएगा. (news18 gfx)
मुहांसे या मवाद उभर सकते हैं
जैसे ही बैक्टीरिया आपकी त्वचा पर बनता है, इससे बालों के रोमों में सूजन होने का खतरा होता है, जिससे मुंहासे होते हैं. सीबम नामक कुछ चीज़ें आपके चेहरे पर जमा हो जाएगी, जिससे मुँहासे या मवाद निकल सकते हैं.
ग्रोइन एरिया बड़ी समस्या बन जाएगा
ऐसे लोगों के कमर के क्षेत्र में चकत्ते या इंटरट्रिगो नाम की चीज़ बनने की आशंका रहेगी. खुजली और जलन होगी.
पैर की उंगलियों के बीच मैल बढ़ेगी
पैर की उंगलियों के बीच बढ़ने वाला कवक आसानी से फैलता जाएगा. पैर की उंगलियों के बीच मृत त्वचा ज्यादा जमा होने लगेगी. ये पपड़ीदार हो जाएगी। इसके बाद इसमें फंगस हो सकता है, जो आपके पैंट या अंडरवियर के माध्यम से पैर डालते समय आपकी कमर तक स्थानांतरित हो सकता है.
सामाजिक पक्ष क्या होगा
– लोग आपसे दूर भागेंगे, वो आपको पास बिठाना पसंद नहीं करेंगे
– आपको लेकर तमाम तरह की बातें होंगी
– परिवार के साथ रहना भी मुश्किल हो जाएगा
– आपको मानसिक समस्या से ग्रस्त मान लिया जाएगा
अगर एक हफ्ते नहीं नहाएं तो
– तो शरीर पर तेलीय चिपचिपापन बढेगा
– बैक्टीरिया, पसीना और मृत त्वचा कोशिकाओं की बढोतरी होगी
– त्वचा में संक्रमण, मुँहासे, रूसी और एक्जिमा, सोरायसिस जैसी त्वचा की स्थिति बढ़ सकती है
– शरीर की दुर्गंध बढ़ सकती है और त्वचा काली या बदरंग हो सकती है
– डर्मेटाइटिस नेग्लेक्टा विकसित हो सकता है, जो पपड़ीदार त्वचा के मोटे धब्बे होते हैं
अगर एक महीने नहीं नहाते तो
– शरीर पर बैक्टीरिया, तेल, पसीना और मृत त्वचा कोशिकाओं की काफी बढोतरी हो जाएगी
– त्वचा में संक्रमण, मुँहासे और अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं हो जाएंगी
– त्वचा पर सूजन और मवाद का उभार हो सकता है
– शरीर से दुर्गंध बढ़ेगी
– बालों में रूसी विकसित हो सकती है, जिससे आपकी खोपड़ी लाल, पपड़ीदार और खुजलीदार हो सकती है.
तो क्या हर दिन नहाने की जरूरत है
विज्ञान कहता है कि रोज नहाना जरूरी नहीं है लेकिन तीन से चार दिनों या दो से तीन दिनों के बीच शॉवर लेना या तरीके से नहाना जरूरी है, ये स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और स्वच्छता के लिए भी. नहाना त्वचा को प्राकृतिक रूप से बेहतर रखता है और हानिकारक कीटाणुओं से बचाता है.
अगर आप नहीं नहाते हैं तो क्या विकल्प
स्पंज स्नान – स्पंज स्नान शॉवर या स्नान के समान है
ड्राई शैम्पू का प्रयोग करें – अपनी जड़ों पर छोटे-छोटे हिस्सों में ड्राई शैम्पू छिड़कें, फिर उससे मालिश करें.
हेयर ड्रायर का प्रयोग करें -हेयर ड्रायर को ठंडा होने के लिए सेट करें और इसे एक या दो मिनट के लिए अपने सिर के ऊपर रखें
डिओडोरेंट का इस्तेमाल करें. कपड़े धोएं. अंडरवियर बदलें. अंडरआर्म्स धोएं.
लेकिन पक्का मानें कि नहाने का कोई विकल्प है नहीं
जैन साधु और साध्वी कभी नहीं नहाते तो वो क्या करते हैं
जैन धर्म के साधु-साध्वी, चाहे कितना भी ठंडा या गर्म मौसम हो, कभी स्नान नहीं करते. साधुओं या साध्वियों को खुद को साफ़ करने के लिए अपने शरीर को गीले कपड़े से पोंछना पड़ता है. ऐसा माना जाता है कि गीले कपड़े से पोंछने मात्र से ही उनका शरीर स्वच्छ, पवित्र और पवित्र हो जाता है.
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
January 14, 2025, 18:44 IST
छोटू बाबाजी तो 32 साल से नहीं नहाए, अगर सामान्य आदमी ऐसा करे तो क्या होगा