लखनऊ /अंजलि सिंह राजपूत: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से भी बड़े चमत्कारी बाबा लखनऊ में रहते हैं. उनके दावे ऐसे हैं जिनको सुनकर डॉक्टर अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई की डिग्री फाड़ देंगे या तो अपना सिर पकड़ लेंगे. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बाबा का दावा है कि वह बड़ी से बड़ी बीमारियों को ठीक करने के साथ ही निसंतान दंपतियों को चावल खिलाकर उनकी सूनी गोद भर देते हैं.
ऐसा दावा करने वाले बाबा का नाम विनोद कुमार है. आशियाना के बालाजी मंदिर जिसको श्री बालाजी मंदिर बरिगवांधाम भी कहते हैं, यहां के वह महंत हैं. मंगलवार और शनिवार को यहां पर लोगों की पेशी होती है, जिन पर भूत प्रेत की बाधाएं होती हैं उनको मंदिर का जल पिलाया जाता है. निसंतान दंपतियों को चावल खाने की सलाह दी जाती है. यहां के श्री श्री विनोद कुमार जी महाराज दावा करते हैं कि इन उपायों से लोगों को फायदा भी होता है. इसलिए यहां पर मंगलवार और शनिवार को भक्तों की बड़ी संख्या नजर आती है.
कौन हैं विनोद कुमार?
इस बात की जानकारी खुद विनोद कुमार ने दी है. वह मुंबई के रहने वाले हैं. 15 साल की उम्र में वह लखनऊ आ गए थे. क्योंकि, उनको बचपन से ही सपना आता था कि लखनऊ में कोई हनुमान मंदिर है उसकी सेवा करो. इसी खोज में वह लखनऊ बालाजी मंदिर पहुंचे और खोजबीन करने लगे. इस दौरान इनको बालाजी की मूर्ति मिली, जिसके बाद उन्होंने मंदिर का रखरखाव कराया. और इसे एक मंदिर का रूप देकर बालाजी की सेवा करने लगे. देखते देखते भक्त यहां आने लगे. मंगल और शनिवार को भक्तों की यहां पेशी होने लगी. लोगों को फायदा होने लगा तो, यहां पर अब दूर- दूर से लोग आने लगे. मन्नत पूरी होने पर लोग यहां घंटा, प्रसाद और हवन कराते हैं.
इस तरह की समस्याओं का समाधान
इस मंदिर पर बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर लिखा है कि पांच मंगलवार को किसी भी बीमारी या संकट से जूझ रहे लोग 5 रुपये की दरख्वास्त और प्रसाद बालाजी महाराज को चढ़ाएं. पंच दिव्य सामग्री, जिसका सेवन करने से जादू टोने का असर तो खत्म होगा ही. साथ में ही निसंतान दंपतियों को पंच दिव्य सामग्री के साथ ही चावल खाना होगा. एक हफ्ते तक और मंदिर से दिया गया जल पीना होगा. ऐसा करने से उन्हें फायदा होगा. इसके अलावा पांच मंगलवार प्रार्थना पत्र मंदिर से ही लेकर लिखना होगा. फिर उसे मंदिर में ही रखना होगा. इसके जरिए उनकी प्रार्थना भगवान तक पहुंच जाएगी.
मन्नत पूरी होने पर करना होगा ये काम
दरबार में मनौतियां पूरी होने पर यहां चढ़ावा या पूजा-पाठ करने की सलाह दी जाती है. जैसे- नौकरी के लिए एक महीने की सैलरी, घंटा और प्रसाद चढ़ाना होगा. निसंतान के लिए 7 दिन का हवन, घंटा और प्रसाद चढ़ाना होगा. संकट के समाधान के लिए घंटा और प्रसाद अन्य समस्याओं के लिए घंटा और प्रसाद चढ़ाना होगा. दरबार में लगने वाले भोग भी 2100, 1100, 56000 तक रखे गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 15:00 IST