लखनऊ के अकबरनगर में 1800 अवैध निर्माणों को किया गया ध्वस्त.अवैध निर्माण करने वालों ने हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट तक का खटखटाया था दरवाजा.
लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अकबरनगर में चल रहे ध्वस्तीकरण का काम पूरा हो गया है. इलाके में 9 दिन से चल रहे बुलडोजर से करीब 1800 अवैध मकान, दुकान व कॉम्प्लेक्स को जमींदोंज कर दिया गया है. साथ ही धार्मिक स्थलों पर भी बुलडोजर चलाया गया है, जिन्हें पहले छोड़ा गया था. इलाके में बस चारों तरफ मलबा ही मलबा दिख रहा है. दरअसल, लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी का यह बुलडोजर विकास कार्यों के लिए चला है. अवैध निर्माणों को तोड़कर ईको टूरिज्म तैयार किया जाएगा. इसके अलावा लखनऊ में स्थित चिड़ियाघर को भी शिफ्ट करने की प्लानिंग चल रही है.
दरअसल, कुकरैल नदी की जमीन पर कब्जा कर लोगों ने कॉम्प्लेक्स, शोरूम, दुकानें और बड़ी संख्या में घर बना लिए थे. इस बीच कुकरैल नदी के सौन्दर्यीकरण का शासन के तरफ से आदेश आया. इस दौरान जब सर्वे किया गया तो पता चला कि पूरा अकबरनगर नदी की जमीन पर ही बसा हुआ है. इसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पहले ही ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस दे दिया था. इस दौरान कोई भी भू स्वामी जमीन के मालिकाना हक का दस्तावेज भी पेश नहीं कर पाया, जिसके बाद प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण का आदेश पास कर दिया है.
वहीं इस फैसले के खिलाफ लोग हाईकोर्ट चले गए. लेकिन जब हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली तो सुप्रीम कोर्ट को रूख किया पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध कब्जा करने वाले लोगों को राहत नहीं दी. अदालत के आदेश का पालन करते हुए 10 जून को इलाके में बुलडोजर पहुंचा और फिर ध्वस्तीकरण का काम शुरू हुआ और लगातार 18 तारीख तक चला. अवैध बने 1169 आवास और 101 कॉमर्शियल निर्माण ध्वस्त किए गए. दिसंबर 2023 से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हुआ था. अभियान में करीब 24.5 एकड़ जमीन पर बने 1800 से अधिक अवैध निर्माण जमींदोज हुए हैं.
हालांकि इस बीच 17 जून को ध्वस्तीकरण का काम रुक गया. अकबर नगर में बने कई धार्मिक स्थलों को भी तोड़ा गया है. अकबर नगर प्रथम, अकबर नगर द्वितीय और अकबर नगर तृतीय में बुलडोजर चला है. मलबा हटवाने के लिए अब टेंडर निकाला जाएगा, जिसके जरिए तोड़ने का खर्च निकाला जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 10:20 IST