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Wednesday, February 5, 2025

शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय में शुरू होंगे 2 नए कोर्स, छात्र-छात्राओं को मिलेंगी ये सुविधाएं

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 लखनऊ. डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दो नए कोर्स शुरू होने जा रहे हैं. साथ ही छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सुविधाएं भी अब और बेहतर होने जा रही हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह और कुलसचिव रोहित सिंह ने बताया कि एक वर्ष की आगामी लक्षित योजना बनाई गई है, जिसके तहत फैसला लिया गया है कि सहकारी शिक्षण (दो शिक्षकों द्वारा कक्षा में सहभागिता होगी. शिक्षण के माध्यम के रूप में ‘हिन्दी’ का चयन भी होगा. छात्रों पर व्यक्तिगत ध्यान (रेमेडियल, ट्यूटोरियल कक्षायें लगेंगी. बहु-विषयक दृष्टिकोण का समावेश करने पर भी फोकस रहेगा.

उन्होंने बताया कि आईटी विभाग में एक वर्ष की कार्ययोजना में फैकल्टी डेवलेपमेण्ट प्रोग्राम शुरू किया जाना, सेमीनार, कान्फ्रेन्सेस और वर्कशॉप का आयोजना किया जायेगा. उन्होंने बताया कि छात्र छात्राओं को इंडस्ट्रियल विजिट कराया जाना प्रस्तावित है. तीन वर्ष की कार्ययोजना में इंडस्ट्री डिमांड के अनुसार सर्टीफिकेशन कोर्स शुरू किया जाना है. इसके अलावा इंडस्ट्री के सहयोग से विभिन्न विशेषज्ञता वाले बीएससी और एमएससी प्रोग्राम शुरू किया जाना प्रस्तावित है. पांच वर्ष की कार्ययोजना में अंतःविषय और इंडस्ट्री ओरियंन्टेड रिसर्च को बढावा देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में Centre for interdisciplinary Computational Studies की स्थापना पीपीपी मोड में होगी.

3 वर्ष की आगामी यह होगी योजना
– भारतीय विधिक ज्ञान प्रणाली का समावेश.
-माॅडल ग्राफ, चार्ट, वास्तविक जीवन के मामले के अध्ययन और अन्य उपयुक्त ऑडियो-विजुअल टच जैसे सीखने के उपकरणों की उन्नति.
-बह-विषयक शिक्षण की शुरूआत-विभिन्न विषयों के दो शिक्षकों को स्पेशल लेक्चरर के तौर पर इनवाइट किया जाएगा जो महत्वपूर्ण जानकारियां छात्र-छात्राओं से साझा करेंगे

अनुसंधान पर होगा फोकस
– दिव्यांगता अधिकार, कर्तव्य और राज्य समाज के दायित्व
-समाज और भिन्न रूपेण योग्य व्यक्तियों पर विधिक अधिकारों के प्रभाव का आकलन, आरपीडब्लूडी अधिनियम, 2016
-पूरे भारत में विकलांगों के पुनर्वास में उत्तर प्रदेश राज्य को अग्रणी बनाने की पहल की अवधारणा.
-दिव्यांगो के लिए उपलब्ध अन्य महत्वपूर्ण कानूनों- नेशनल ट्रस्ट एक्ट आरसीआई एक्ट कानूनों, योजनाओं और नीतियों की उपयोगिता का आकलन करना.
– संकाय में विधिक सहायता केन्द्र द्वारा दिव्यांगों को मुफ्ट विधिक सहायता उपलब्ध करवाना.
– महत्वपूर्ण कानूनों और विनियमों की प्रवर्तनीयता में समस्याएं और समाधान सुझाना.
– कानूनी सहायता केंन्द्र के माध्यम से विकलांगों के लिए प्रो-बोनो कानूनी सेवाएं
– दिव्यांगो के लिए नए अधिकारों के निर्माण के औचित्य की पहचान करना जैसे कि देखभाल से सम्बन्धित विशेष अधिकार
– दिव्यांगों के लिए सम्पत्ति और विरासत से सम्बन्धित अधिकारों के लिए एक कानूनी ढांचा विकसित करना
– दिव्यांग महिलाओं और बच्चों से सम्बन्धित कानूनों का विकास
-दिव्यांगों को ‘विशेष अल्पसंख्यक समूह’ के रूप में मान्यता.
-संकाय में विधिक सहायता केन्द्र द्वारा दिव्यांगों को मुफ्ट विधिक सहायता उपलब्ध करवाना

Tags: Local18, Lucknow news, UP news



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