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Saturday, September 21, 2024

अपने गिरेबां में भी झांकें … : ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई के 'अल्पसंख्यकों वाले' बयान पर भारत

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नई दिल्‍ली:

ईरान (Iran) के सुप्रीम लीडर अयातुल्‍ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) के ‘अल्पसंख्यकों वाले’ बयान को लेकर भारत (India) ने सख्‍त प्रतिक्रिया दी है और उन्‍हें अपने गिरेबां में झांकने के लिए कहा है. भारत ने भारतीय मुसलमानों को लेकर खामेनेई की टिप्‍पणी पर पलटवार करते हुए इसे ‘अस्‍वीकार्य’ बताया है. ईद-उल-मिलादुन्‍नबी के अवसर पर एक एक्‍स पोस्‍ट में खामनेई ने म्‍यांमार और गाजा में मुसलमानों के उत्‍पीड़न का आरोप लगाते हुए उन्‍हें भारतीय मुसलमानों के साथ जोड़ दिया था, जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना ‘‘रिकॉर्ड” देखना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हम ईरान के सर्वोच्च नेता के भारत में अल्पसंख्यकों के संबंध में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं. ये गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य हैं.”

जायसवाल ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी जाती है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखें.”

ईरान के सुप्रीम लीडर ने क्‍या कहा था?

ईरानी नेता ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा था, “अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर एक मुस्लिम को होने वाली पीड़ा से बेखबर हैं तो हम खुद को मुस्लिम नहीं मान सकते.”

उन्होंने कहा, “इस्लाम के दुश्मनों ने इस्लामिक उम्मा के रूप में हमारी साझा पहचान को लेकर हमें हमेशा उदासीन बनाने की कोशिश की है.”

ईरान और इजरायल से भारत के अच्‍छे रिश्‍ते 

खामेनेई की टिप्पणियां ईरान और इजरायल के बीच बढ़ती दुश्‍मनी के बीच आई हैं. भारत के दोनों ही देशों के साथ अच्‍छे रिश्‍ते हैं. ईरान पश्चिम एशिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. भारत और ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आतंक को लेकर चिंता साझा करते हैं. वहीं चाबहार बंदरगाह को लेकर दोनों ही देशों को काफी उम्‍मीदें हैं. 

भारत और इजरायल दोनों ही देश आतंकवाद से पीड़ित हैं. यही कारण है कि भारत ने हमास द्वारा 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमलों के पहले कुछ घंटों में इजरायल का समर्थन किया था. 

इसके साथ ही खामेनेई की टिप्‍पणी ऐसे वक्‍त में सामने आई है जब ईरान को सुन्‍नी मुसलमानों के दमन के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ता रहता है. 




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