लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर जिले के महेशपुर वन रेंज में लगातार बाघ का खौफ बना हुआ है. साथ ही यहां के ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है. बाघ के डर से किसान अपने खेतों की ओर नहीं जा पा रहे हैं. बाघ के हमले से किसान अमरीश कुमार की मौत के बाद उसे पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है.
बाघ के बेहोश करने की कांबिंग शुरू
बता दें कि अभी तक आदमखोर बाघ वन-विभाग की पकड़ में नहीं आया है, जिसको को लेकर वन विभाग द्वारा बाघ को पकड़ने के लिए उसे बेहोश (ट्रेंकुलाइज) करने की अनुमति मिलते ही वन विभाग ने कांबिंग शुरू करा दी है. वन विभाग की टीम ने क्षेत्र के इमलिया, घरथनियां आदि कई गांवों के आसपास कांबिंग की. वहीं, ट्रेंकुलाइजेशन के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दक्ष गंगवार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है.
24 कैमरों से की जा रही है निगरानी
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने इमलिया, घरथनियां में 4 पिंजरा और निगरानी के लिए 24 कैमरे लगाए गए हैं. इसके अलावा वन्यजीव एवं जनमानस की सुरक्षा के लिए भी 4 टीमें लगाई गई है. वहीं, दूसरी ओर लगातार ड्रोन कैमरे से बाघ की निगरानी की जा रही है.
छत पर बैठकर ग्रामीण कर रहे हैं निगरानी
जानकारी के अनुसार जंगलों में पानी भर जाने के कारण वन्य जीव अब रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं, जिसके कारण लगातार हमले हो रहे हैं. जंगलों से निकलने के बाद बाघ और तेंदुआ ने अपना ठिकाना गन्ने के खेत में बना लिया है. जैसे ही गन्ने के खेत में किसान जाते हैं और बाघ हमला कर देते हैं. इन दिनों खीरी में जंगली जानवरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि किसान अपने खेतों की ओर नहीं जा पा रहे हैं. ग्रामीण रात में छत पर बैठकर रखवाली भी कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 12:02 IST