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Tuesday, September 17, 2024

कोलकाता कांड उलझता जा रहा; आरोपी संजय रॉय का रेप और हत्या से लगातार इनकार, फंसाए जाने का दावा

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच उलझती नजर आ रही है। मुख्य संदिग्ध संजय रॉय लगातार इन आरोपों से इनकार कर रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से किए गए पॉलीग्राफ टेस्ट में भी उसने अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया, ‘रॉय ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर का शव देखने के बाद वह घटनास्थल से भाग गया था।’ कहा जा रहा है कि संजय रॉय से पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान सीबीआई ने 10 सवाल पूछे थे। इस दौरान जांच एजेंसी के अधिकारी समेत 3 पॉलीग्राफ एक्सपर्ट मौजूद रहे।

आरोपी संजय रॉय कोलकाता पुलिस का वालंटियर रहा है, जिसने 10 अगस्त को अपनी गिरफ्तारी के बाद अपराध कबूल कर लिया था। हालांकि, अब वह अपने कबूलनामे से मुकर गया है। उसका कहना है कि उसे फंसाया जा रहा है और वह निर्दोष है। मुख्य संदिग्ध का पॉलीग्राफ टेस्ट 25 अगस्त को कोलकाता की प्रेसीडेंसी सेंट्रल जेल में हुआ, जहां वह बंद है। यह बात भी ध्यान देने लायक है कि पॉलीग्राफ के नतीजे कोर्ट में सबूत के तौर पर मान्य नहीं होते हैं। संजय रॉय ने टेस्ट के दौरान सीबीआई अधिकारियों को बताया, ‘मैंने हत्या नहीं की। मैं तो शव देखने के बाद सेमिनार हॉल से भाग गया था।’ हालांकि, पॉलीग्राफ के वक्त उसने कई भ्रामक बातें भी कही हैं।

सेमिनार हॉल में मिला था आरोपी का ब्लूटूथ हेडसेट

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया। वह इस जघन्य हत्याकांड के एक दिन बाद ही (10 अगस्त) अरेस्ट कर लिया गया था। उसका ब्लूटूथ हेडसेट भी हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल के अंदर मिला, जहां यह घटना हुई थी। संजय रॉय की वकील कविता सरकार ने पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर कुछ और जानकारियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि वह लगातार खुद को बेगुनाह बता रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी से पूछा गया कि महिला की हत्या करने के बाद उसने आगे क्या किया? इसके जवाब में उसने अधिकारियों से कहा कि यह सवाल ही गलत है क्योंकि उसने मर्डर नहीं किया है।

मामले की सुनवाई शुरू होते ही रोने लगा संजय रॉय

बता दें कि कोलकाता की एक अदालत ने संजय रॉय की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी और उसे 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मामले से जुड़े वकील कोर्ट में मौजूद थे, जबकि आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुआ। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो रॉय रोने लगा। राज्य विधिक सहायता की ओर से नियुक्त रॉय की वकील ने जमानत का अनुरोध किया और कहा कि उनके मुवक्किल को फंसाया गया है। वहीं, 40 मिनट की देरी से अदालत पहुंचे सीबीआई के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इससे मामले की जांच में बाधा आएगी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस ने रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले, जज ने CBI के जांच अधिकारी और वकील की अनुपस्थिति को लेकर नाखुशी जताई।



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