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Tuesday, May 13, 2025

एस्ट्रोलॉजर से जानिए शनि जयंती पर साढ़े साती से मुक्ति पाने के लिए क्या करें उपाय

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शनिवार को शनिदेव की मूर्ति एवं उनके उलटे पैर की सबसे छोटी उँगली पर चढ़ाएं.

Sadhesati upay 2025 : हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है. इस साल 27 मई को शनि जयंती है. मान्यतानुसार इस दिन ही न्याय के देवता शनि देव अवतरित हुए थे.यही कारण है इस तिथि को शनि जंयती पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु, पितरों और शनिदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है. माना जाता है शनि जयंती के दिन सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. साथ ही जिनकी कुंडली में शनि की साढे़ साती चल रही है, वो जातक इस दिन ज्योतिषाचार्य डॉ गौरव कुमार दीक्षित द्वारा बताए उपायों को करके शनि के कुप्रभावों से बच सकते हैं. 

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शनि जयंती उपाय – Shani Jayanti Remedies

1- शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे मजदूरों को चाय पिलाएं.
2- वहीं, इस दिन आप काजल की डिब्बी खरीद कर पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे शनिवार को गाड़ना है. इससे भी आपकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है.
3- घर का स्नानघर/बाथरूम स्वयं अपने हाथ से देसी साफ करें. यह भी शनि के कुप्रभाव को कम कर सकता है.
4- आटे के गोले में चीनी आटा भूनकर भरें और फिर पीपल के पेड़ के नीचे दबा दीजिए. 
5- साथ ही शनि जयंती के दिन कुष्ठ रोगी, अपंग लोगों की सेवा करिए. यह भी आपकी कुंडली में शनि के खराब प्रभाव के असर को कम करेगा.
6- साथ ही इस दिन आप काले चने अथवा खिचड़ी का भोग शनिदेव को अर्पित करके लोगों में वितरित करें. यह भी लाभकारी उपाय है. 
7- शनिवार को शनिदेव की मूर्ति एवं उनके उलटे पैर की सबसे छोटी उँगली पर चढ़ाएं. यह भी एक असरदार उपाय है. 

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

शनि जयंती के दिन कुछ विशेष बातों का खास ध्यान देना चाहिए…

  • मूर्ति के सामने ना खड़े हों. 
  • अंडा मांस मदिरा का सेवन ना करें. 
  • अपने अधीनस्थ और दुकान अथवा ऑफिस.
  • कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार करें.

शनि जयंती पूजा विधि – Puja vidhi of Shani Jayanti

  1. इस जयंती के दिन आप सुबह जल्दी उठकर स्नान करिए. 
  2. फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करिए.
  3. अब आप मंदिर में गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करिए.
  4. सरसों के तेल का दीपक जलाइए और फिर शनिदेव की आरती करिए.
  5. साथ ही इस दिन तिल और गुड़ समेत कई चीजों का भोग लगाइए.
  6. अंत में लोगों में प्रसाद बांट दीजिए. 




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