कानपुर. आपने हनी ट्रैप के कई मामले सुने होंगे कि किस तरह से महिलाओं का इस्तेमाल करके पुरुषों को जाल में फंसाया जाता है. अब इसी हनी ट्रैप का सहारा वैज्ञानिकों ने भी लिया है किसानों की एक बड़ी समस्या को हल करने के लिए. जी हां, किसानों की फसल को कीटों से बचाने के लिए अब हनी ट्रैप का सहारा लिया जाएगा. काश्तकारों के सामने सबसे बड़ी समस्या रहती है कि उनकी फसलों में कीड़े लग जाते हैं और देखते ही देखते उनकी पूरी फसल इसकी चपेट में आ जाती है. अब इन कीटों से बचाव के लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक खास तरीका निकाला है, जिससे कीड़ों की समस्या दूर हो जाएगी. इसमें कीड़ों को हनी ट्रैप में फंसाया जाएगा. जानें क्या है यह तकनीक और कैसे किसानों को मिलेगा इसका फायदा.
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के किसान सहायता केंद्र फतेहपुर के प्रभारी डॉक्टर जगदीश किशोर ने लोकल 18 को बताया कि किसान अभी कीटनाशकों का प्रयोग करके अपनी फसलों को कीड़ों से बचाते हैं, इससे फसल तो बच जाती है लेकिन मिट्टी को नुकसान पहुंचता है. इसीलिए यह खास तकनीक बनाई गई है ताकि कीटों से किसानों की फसलों को बचाया जा सके. इस तकनीक को जैविक तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. इसे फेरोमोन ट्रैप कहा जाता है. इसके जरिए मादा कीटों की गंध के इस्तेमाल के जरिए नर कीटों को जाल में फंसाया जाता है. इससे मादा कीट अंडे नहीं दे पाती हैं, जिसकी वजह से कैटरपिलर नहीं बनते हैं और फसल सुरक्षित हो जाती है.
जल्दी किसानों को मिलेगा फेरोमोन ट्रैप
उन्होंने कहा कि किसानों को यह फेरोमोन ट्रैप जल्द ही मिलेगा. इसके लिए भी तैयारी की गई है. आमतौर पर यह बाजार में मिल जाता है लेकिन जल्दी सभी किसानों तक इसको पहुंचाने के लिए फतेहपुर के बाजारों और किसान सहायता केंद्रों के जरिए यह उन तक पहुंचाया जाएगा. इससे किसानों को काफी मदद मिलेगी. इसकी कीमत भी बेहद कम है. किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए हजारों या लाखों रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं है बल्कि केवल 75 रुपये में यह फेरोमोन ट्रैप उनको मिल सकेगा और उनकी फसल कीटों से सुरक्षित हो जाएगी.
FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 12:34 IST