किसान आंदोलन को लेकर विवादित टिप्पणी करने पर घिरीं कंगना रनौत ने आज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। वह उनके आवास पर मीटिंग के लिए पहुंचीं। कंगना रनौत को हाल ही में शीर्ष नेतृत्व की ओर से नसीहत मिली थी कि उन्हें नीतिगत मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। इसके अलावा भविष्य में उन्हें ऐसा कोई भी बयान न देने की भी हिदायत दी गई थी। यही नहीं भाजपा ने उनके बयान से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया था। पार्टी के इस रुख कंगना रनौत को हद में रहने की नसीहत के तौर पर देखा गया था।
अहम बात यह है कि अपनी टिप्पणी को लेकर विवाद होने के बाद यह यह दूसरा मौका है, जब रनौत ने भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात की। उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के साथ विवाद खड़ा कर दिया था। कंगना ने एक साक्षात्कार में कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और वहां बलात्कार तथा हत्याएं हो रही थीं। इस साक्षात्कार की एक क्लिप को ‘एक्स’ पर भी उन्होंने साझा किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो भारत में भी ‘बांग्लादेश जैसी स्थिति’ पैदा हो सकती थी।
उन्होंने यह भी दावा किया कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान ‘लाशें लटकी थी और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही थीं।’ उन्होंने ‘षड्यंत्र’ में चीन और अमेरिका के शामिल होने का आरोप लगाया। उनकी इस टिप्पणी पर विववाद होने के बाद भाजपा ने रनौत के बयान से असहमति जताते हुए किनारा कर लिया था। पार्टी ने मंडी की सांसद को हिदायत भी दी कि वह इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। इसके बाद, कांग्रेस ने हमलावर रुख अख्तियार करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी से कहा था कि यदि वह वास्तव में रनौत के विचारों से असहमत है तो उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाए।