झांसी. झांसी के समथर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुई धमाके में कई गंभीर बातें सामने आ रही हैं. घायलों और उनके परिजनों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. बन्ने खां नाम के व्यक्ति द्वारा यह फैक्ट्री चलाई जा रही थी. बन्ने खां के पास LE5 यानी सिर्फ पटाखा बेचने की अनुमति थी. वह अवैध रुप से पटाखा बनाने के काम करवा रहा था. धमाके में कुल 8 लोग घायल हो गए जिनमें दो नाबालिग भी हैं.
धमाके में सुखदेवी उम्र 45 वर्ष, नसरीन उम्र 45 वर्ष, लक्ष्मी उम्र 42 वर्ष, रोहिणी उम्र 18 वर्ष, शिवानी उम्र 18 वर्ष, (अभी उम्र 18 वर्ष), आरती उम्र 17 वर्ष और रिबा उम्र 15 वर्ष घायल हुए हैं. शिवानी की मां ममता ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि यह फैक्ट्री पिछले कई सालों से अवैध रुप से चल रही थी. हर साल दीवाली से 2 महीने पहले इस फैक्ट्री में पटाखे बनाने का काम शुरु हो जाता था. फैक्ट्री मालिक आसपास के मोहल्ले के लोगों को पटाखे बनाने के काम के लिए बुलाता था. शिवानी की हालात बेहद गंभीर है और वो लगभग 40 % तक जल चुकी है. शिवानी की हालात देख घर वाले बुरी तरह डर गए हैं.
आर्थिक तंगी के कारण बेटी हुई मजबूर
ममता ने बताया कि उनकी बेटी पहली बार इस फैक्ट्री में काम करने गई थी. उन्होंने अपनी बेटी को रोकने का प्रयास भी किया था. लेकिन, घर में पैसों की कमी होने के कारण बेटी ने पटाखा फैक्ट्री में काम करने का फैसला लिया. फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के लिए सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे. वहां ना तो अग्निशमन के इंतजाम थे और ना ही पानी और मिट्टी की बाल्टियां रखी गई थीं. ममता ने रोते हुए कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था की बेटी की यह हालत हो जाएगी.
FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 20:20 IST