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Wednesday, November 13, 2024

6000 रन, 400 विकेट, प्रदर्शन पर खूब बजती है ताली, फिर भी है झोली खाली

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नई दिल्ली. इतिहास में जगह बनाने के लिए ज़रूरी नहीं आप टीवी पर रोज़ आए , ढेर सारे ब्राण्ड का विज्ञापन करें , या करोड़ों का कान्ट्रेक्ट आपने साइन किया हो .बस आप सिर झुकाकर अपने हुनर का इस्तेमाल करके इतिहास लिख सकते है .बड़े बड़े सितारे आपके सजदे में सिर झुकाए आपका इस्तेकबाल करने को बेताब हो, आप वो कमाल करने की चाहत आपको दुनिया में अलग खड़ा कर सकता है . कुछ ऐसे ही खिलाड़ी हैं जलज सक्सेना भारत के डोमेस्टिक क्रिकेट में दिग्गज ऑलराउंडर जलज सक्सेना ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसने सबको चौंका दिया.

अब तक ऐसा भारत के दिग्गज ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा भी नहीं कर पाए, जो जलज सक्सेना ने बुधवार को थुम्बा में उत्तर प्रदेश के खिलाफ कर दिखाया .  केरल के चौथे राउंड मैच के दौरान उत्तर प्रदेश के खिलाफ रणजी  ट्रॉफी में 6000 रन के साथ-साथ 400 विकेट भी पूरे कर लिए.पिछले राउंड में कोलकाता में 6000 रन पूरे करने वाले सक्सेना ने यूपी के खिलाफ अपनी चौथी विकेट लेकर 400वें रणजी ट्रॉफी विकेट का मील का पत्थर हासिल किया. जलज ये रिकॉर्ड बनाने वाले भारत के पहले खिलाड़ी हैं.

घरेलू क्रिकेट में जलज का जलवा कायम है 

37 वर्षीय सक्सेना रणजी ट्रॉफी के इतिहास में 400 विकेट लेने वाले केवल 13वें गेंदबाज हैं और ऐसा करने वाले एकमात्र सक्रिय क्रिकेटर हैं. सक्सेना ने 2005 में मध्य प्रदेश के साथ अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी. 2016-17 सीजन में केरल जाने से पहले टीम के लिए 159 विकेट और 4041 रन बनाए थे. दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर केरल के फर्स्ट क्लास क्रिकेट में केएन अनंतपद्मनाभन के बाद दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं. सक्सेना रणजी ट्रॉफी में केरल के लिए 2000 रन के करीब भी हैं.

रच रहे है इतिहास पर सेलेक्शन में नहीं हो रहे पास

सालों साल से राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए जूझ रहे जलज पिछले सीजन में घरेलू क्रिकेट में 9000 रन और 600 विकेट लेने वाले चौथे खिलाड़ी बन गए थे. पहले मध्य प्रदेश फिर केरल के लिए खेल रहे जलज   मांकड़, मदन लाल और परवेज रसूल वाले क्लब में शामिल हो चुकें हैं. रणजी ट्रॉफी सर्किट में जलज का प्रदर्शन अन्य ऑलराउंडरों से कहीं अधिक है, यहां तक कि दिग्गज विजय हजारे, मदन लाल, सुनील जोशी से भी वह आगे हैं.मजे की बात ये है कि हर सीजन में लगातार शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद भी वो सेलेक्टर्स का दिल नहीं जीत पाए. उम्मीद है कि इस साल किसी आईपीएल फ़्रेंचाइज़ी की नज़र उन पर पड़े और सालों साल की मेहनत का ईनाम उनको मिले.



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