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Monday, October 7, 2024

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र को बताया पुरानी कंपनी, बोले- उसका बाजार के साथ कोई तालमेल नहीं

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र संघ पर तंज कसते हुए कहा कि वह एक पुरानी कंपनी की तरह है जो बाजार के साथ अपना तालमेल नहीं बिठा रही है बल्कि जगह घेर रही है। अगर उसमें जल्दी ही सुधार नहीं किया जाता तो वह अपना महत्व खो देगी। विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के संदर्भ में हालिया वैश्विक घटनाओं का भी जिक्र करते हुए कहा कि इस समय दुनिया में दो बहुत ही गंभीर संघर्ष चल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि कोई भी लड़ाई ज्यादा ना फैले लेकिन इन घटनाओं पर संयुक्त राष्ट्र कहीं भी नजर नहीं आता, वह केवल एक दर्शक की तरह कभी-कभी कामेंट्री करता हुआ नजर आता है।

कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में बातचीत करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ बदलते वैश्विक परिदृश्य के साथ खुद को बदल नहीं रहा है। यह एक पुरानी कंपनी की तरह हो गया है, जिसका बाजार के साथ कोई भी तालमेल नहीं है। अगर यह अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से नहीं निभाएगा तो फिर एक शून्य की स्थिति पैदा होती है, जिसमें देश अपने-अपने हिसाब से काम करना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों की ही बात कर ले तो किसी भी बड़े मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ कही भी नजर नहीं आया।

अहम मौकों पर नजर नहीं आता संयुक्त राष्ट्र- जयशंकर

कोविड के दौर में भी संयुक्त राष्ट्र की भूमिका ना के बराबर नजर आई। दुनिया के अन्य देशों को देखें तो उन्होंने अपनी- अपनी क्षमता के अनुसार इस महामारी का सामना किया था। हाल में दुनिया में दो सबसे बड़े संघर्ष चल रहे हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र इसे रोकने में कहीं भी नजर नहीं आता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसा संगठन अपनी भूमिका को अच्छी तरह से नहीं निभा रहा है इसलिए हम देख रहे हैं कि अलग- अलग रीजनल ग्रुप सामने निकल कर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो संयुक्त राष्ट्र तो बाकी रहेगा लेकिन जल्दी ही यह अपनी महत्वता को खो देगा।

पाकिस्तान दौरे में केवल एससीओ की मीटिंग

विदेश मंत्री ने अपने आगामी पाकिस्तान दौरे के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि मैं वहां पर एक मीटिंग में शामिल होने के लिए जा रहा हूं। एससीओ का सदस्य देश होने के नाते यह एक जिम्मेदारी भी है और मैं अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता के साथ लेता हूं। शनिवार को भी विदेश मंत्री ने कहा था कि मैं वहां पर मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए जा रहा हूं ना कि भारत पाकिस्तान के रिश्तों पर बात करने के लिए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर इसी महीने एससीओ की मीटिंग में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाने वाले है। इनसे पहले भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 2015 में पाकिस्तान की यात्रा पर गई थीं।



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