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Thursday, January 9, 2025

OPINION: क्या फिर कप्तान बनना चाहते हैं कोहली, कप्तानी की रेस में कैसे आया नाम, कोई साजिश तो नहीं…

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IND vs AUS Sydney Test: अगर आप क्रिकेट देखने और पढ़ने के शौकीन हैं तो आपके लिए यह खबर अब पुरानी हो चुकी है कि टीम इंडिया में एक सीनियर खिलाड़ी रोहित शर्मा की जगह कप्तान बनना चाहता है. यह बात पिछले कई दिनों से चल रही है. जहां कहीं भी आपने खबर पढ़ी या देखी होगी उसमें से ज्यादातर वेबसाइट्स या टीवी चैनल ने उस सीनियर का नाम नहीं बताया होगा. कुछ एक ने जरूर सीधा लिखा होगा कि यह कोई और सीनियर नहीं बल्कि विराट कोहली हैं. आखिर इस बात में कितनी सच्चाई है. विराट कोहली क्या सचमुच टीम इंडिया की कमान दोबारा संभालना चाहते हैं. अगर वह ऐसा करना चाहते हैं तो इसकी क्या वजह है. अगर कप्तान बनने का उनका इरादा नहीं है और इसके बावजूद मीडिया में यह खबर जोर-शोर से चल रही है तो इसकी क्या वजह है. क्या कोई टीम इंडिया में मतभेद पैदा करना चाहता है. क्या कोई विराट कोहली और रोहित शर्मा की जोड़ी, जो हमेशा एक दूसरे के साथ खड़ी रही है, उसमें मनमुटाव चाहता है. क्या विराट कोहली को बदनाम किया जा रहा है. क्या विराट के बारे में झूठी खबरें चलाई जा रही है.

पर्थ में बुमराह को गाइड करते दिखे कोहली
विराट कोहली टीम इंडिया के अंतरिम कप्तान बनना चाहते हैं. यह बात सबसे पहले भारत के एक अंग्रेजी अखबार ने लिखी. हालांकि उसने विराट कोहली का नाम नहीं लिखा और सिर्फ इशारों में यह कहा. अखबार ने लिखा कि टीम का सीनियर खिलाड़ी अंतरिम कप्तान बनना चाहता है. इस खिलाड़ी के बारे में जो इनपुट्स दिए गए हैं, उसमें कहा गया है यह खिलाड़ी इस समय कुछ एक्स्ट्रा एक्टिव दिख रहा है. अब क्रिकेट देखने वाले जानने वाले बड़ी आसानी से समझ सकते हैं कि भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज में अगर कोई एक खिलाड़ी मैदान पर सबसे एक्टिव दिखा है तो वह विराट कोहली हैं. जब रोहित शर्मा मुंबई में दूसरी बार पिता बनने की खुशी मना रहे थे और पर्थ में जसप्रीत बुमराह उनकी जगह कप्तानी कर रहे थे तब विराट कोहली ही थे जो इस पेसर कप्तान को सबसे ज्यादा सलाह दे रहे थे.

रोहित के लौटने पर भी हमेशा एक्टिव दिखते हैं कोहली
विराट कोहली अपनी यह सक्रियता रोहित शर्मा के टीम में लौटने के बाद भी जारी रखते हैं. विराट कप्तान रोहित को सलाह दे रहे हैं और बॉलर्स को लाइन-लेंथ की मशवरा भी. एक वीडियो में तो साफ देखा जा सकता है की विराट कोहली मोहम्मद सिराज से ओवर द विकेट बॉलिंग करने को कह रहे हैं. जब रोहित शर्मा इसका विरोध करते हैं, तब विराट कोहली उन्हें ओवर द विकेट बॉलिंग का फायदा बताते हैं. विराट उन्हें फील्ड चेंज करने को भी कहते हैं. रोहित बड़ी सहजता से यह बात मान भी लेते हैं. इसका नतीजा अगले ही ओवर में विकेट के रूप में सामने आता है.

ऑस्ट्रेलिया का आखिरी दौरा…
पर्थ से लेकर मेलबर्न टेस्ट तक हम देखते हैं कि विराट अक्सर बॉलर से पूछते हैं कि गेंद स्विंग हो रही है कि नहीं. कई बार वे गेंदबाजों को गेंद आगे रखने की सलाह देते हैं ताकि मूवमेंट मिले. इस बात को दो तरह से समझा जा सकता है. पहला यह विराट कोहली का आखिरी ऑस्ट्रेलिया दौरा हो सकता है और वे कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहते. दूसरा, इस बात का अंदाजा विराट कोहली को बखूबी है कि ऑस्ट्रेलिया में अगर किसी भारतीय को देखने के लिए सबसे ज्यादा दर्शक आ रहे हैं तो वे खुद हैं. सीरीज शुरू होने से पहले ऑस्ट्रेलिया के अखबार अगर किसी खिलाड़ी के बारे में फोटो से पटे पड़े थे तो वह विराट कोहली हैं.

रोहित के सबसे खास सलाहकार रहे हैं कोहली
ऐसा नहीं है कि विराट यह सब पहली बार कर रहे हैं. रोहित शर्मा जब से कप्तान बने हैं तब से उनके सबसे प्रमुख सलाहकार मैदान पर कोहली ही रहे हैं. इसे हम बड़ी आसानी से 2023 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप और 2024 में टी20 वर्ल्ड कप में देख सकते हैं. यह वो वक्त था जब रोहित शर्मा की कप्तानी पर कोई सवाल नहीं थे. उन्होंने कप्तानी शुरू की थी और टीम ज्यादातर मुकाबले जीत रही थी. टीम जिस अंदाज में खेल रही थी, उसमें नया करने की कोई खास जरूरत भी नहीं थी. समय के साथ चीजें बदलीं और मुश्किलें भी सामने आने लगीं. खासकर T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद ऐसा लगा कि रोहित शर्मा अब वह सब कुछ हासिल कर चुके हैं जो उनकी ख्वाहिश थी. टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद उनका रिएक्शन देख ऐसा लग रहा था कि भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता हो. यह अलग बात है कि हम क्रिकेट प्रेमी 1983 में ही कपिल को वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाते देख चुके हैं. फिर शालीनता और सहजता के साथ एमएस धोनी ने दो बार वर्ल्ड कप उठाया लेकिन उनके भी जश्न में कोई उन्माद या ‘नौटंकी’ नहीं देखी गई.

टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद रोहित के प्रदर्शन में गिरावट 
टी20 वर्ल्ड कप जीतते ही रोहित शर्मा की कप्तानी में गिरावट आने लगती है. भारत इस सदी में पहली बार श्रीलंका में वनडे सीरीज हार जाता है और कप्तान होते हैं रोहित शर्मा. इसके बाद भारत अपने ही जमीन पर न्यूजीलैंड से लगातार तीन टेस्ट मैच हार जाता है. जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था वह हो जाता है. जिस न्यूजीलैंड ने भारत में 35 साल से कोई टेस्ट मैच नहीं जीता था वह सीरीज क्लीन स्वीप कर लौटता है. इसके बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में है. उसने वहां एक मैच जीता है, जिसमें रोहित शर्मा नहीं थे. यह सिर्फ इत्तफाक नहीं है. यह रोहित शर्मा की खेल में आई गिरावट है, जो साफ दिखती है और जो अब टीम पर भारी पड़ने लगी है. रोहित शर्मा के चाहने वालों को यह बात कबूल नहीं है. उन्होंने रोहित की नाकामी को विवाद की शक्ल देना शुरू कर दिया है. यह लिखना कि रोहित शर्मा जब पर्थ में नहीं थे तो कप्तानी करने के लिए कई खिलाड़ी सामने आना चाहते थे और एक सीनियर खिलाड़ी (विराट कोहली) भी उसमें शामिल है. अगर सारे घटनाक्रम पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि यह रोहित शर्मा को बचाने की नाकाम कोशिश है. इसे सिलसिलेवार ढंग से समझ सकते हैं.

सब जानते थे कि पर्थ में बुमराह होंगे कप्तान 
पहली बात तो यह कि रोहित शर्मा के नहीं होने पर जसप्रीत बुमराह कप्तान होंगे, इस बात पर कम से कम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कभी कोई शक नहीं था. वे भारतीय टीम में फिलहाल सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं और तीनों फॉर्मेट में परफेक्ट है. कोई गेंदबाज कप्तान नहीं बन सकता, इसको ऑस्ट्रेलिया ने पिछले 4-5 साल से गलत साबित कर रखा है. कोई शक नहीं जसप्रीत बुमराह टेस्ट और वनडे टीम में रोहित शर्मा की जगह कप्तान बनने के सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं. बुमराह की काबिलियत पर ना कोई उंगली उठा सकता है.

केएल राहुल तो अपनी जगह बचाने में लगे हैं 
इसलिए जब यह लिखा जाता है कि टीम में कप्तानी चाहने वाले खिलाड़ी कई है तो इसमें बुमराह के अतिरिक्त नाम भी शामिल होना स्वाभाविक है. फिर वे कौन हैं, जो बुमराह के बाद बचते हैं. इनमें केएल राहुल और ऋषभ पंत के नाम सामने आते हैं. सबको पता है कि केएल राहुल अभी टीम में अपनी जगह बनाने के लिए ही स्ट्रगल कर रहे हैं. 10 साल पहले डेब्यू करने वाले राहुल को हाल ही में सरफराज खान के लिए जगह खाली करनी पड़ी थी. ऑस्ट्रेलिया दौरे में अगर रोहित शर्मा पहले टेस्ट मैच में होते तो राहुल प्लेइंग इलेवन में ही नहीं होते. अब जिस खिलाड़ी की जगह ही पक्की नहीं है, वह कम से कम कप्तान को चैलेंज करने से रहा.

ऋषभ पंत पर बढ़ रहा है दबाव 
ऋषभ पंत की कप्तान बनने की चाहत थोड़ी समझ में आती है. आईपीएल में दिल्ली डेयर डेविल्स से लखनऊ सुपरजाइंट्स पहुंचने के बारे में भी उनकी इसी महत्वाकांक्षा को कारण बताया गया था. लेकिन ऋषभ पंत के साथ परेशानी ऑस्ट्रेलिया दौरे में ही शुरू हो गई है. उन्होंने जिस तरीके से अपने विकेट गंवाए हैं, उसने सुनील गावस्कर को उन्हें स्टूपिड कहने को मजबूर कर दिया. पंत मैच विनर हैं, इसमें शक नहीं. लेकिन विकेट फेंकने की आदत उन्हें कप्तानी की रेस में फिलहाल तो दूर बनाए हुए है. सिडनी टेस्ट से पहले तो यह खबर तक आई कि पंत को प्लेइंग इलेवन से ड्रॉप किया जा सकता है. इसलिए ऐसा नहीं लगता कि पंत या केएल राहुल कप्तानी के लिए रोहित शर्मा को चैलेंज करेंगे.

कोहली का बोर्ड से होता रहा है पंगा
अब आखिर में बात आती है विराट कोहली की. कोहली वह शख्सियत है जो बोर्ड अध्यक्ष से लोहा लेते रहे हैं. भारत में बोर्ड अध्यक्ष से दोस्ती या सहमति से कप्तान बनने के तो कई उदाहरण रहे हैं. सौरव गांगुली से लेकर एस धोनी तक को कप्तान बनने में बोर्ड अध्यक्ष का साथ मिला है. विराट कोहली पहले भारतीय कप्तान है जिन्होंने बोर्ड अध्यक्ष को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर आइना दिखाया. याद किरए कि जब सौरभ गांगुली की अगुवाई वाली कोच सिलेक्शन कमिटी अनिल कुंबले का नाम आगे बढ़ाती है तो विराट कोहली मैसेज देते हैं कि उन्हें यह नाम पसंद नहीं. कप्तान कोहली तब अपनी मर्जी का कोच (रवि शास्त्री) चुनते हैं. सौरभ गांगुली के भारतीय क्रिकेट बोर्ड अध्यक्ष बनने के बाद कोहली को अलग तरह से चैलेंज का सामना करना पड़ता है, लेकिन उस पर बात फिर कभी. आखिर में विराट कोहली कप्तानी छोड़ देते हैं या कहें कि उन्हें इस पद से हटने के लिए मजबूर कर दिया जाता है.

विराट जानते थे कि अगले कप्तान रोहित हैं… 
विराट कोहली के कप्तान रहते ही रोहित शर्मा नए कप्तान के तौर पर अपना दावा मजबूतर कर चुके होते हैं. सब जानते थे कि रोहित टीम के दूसरे सबसे सीनियर खिलाड़ी थे. यह तय था कि अगर विराट कोहली कप्तानी छोड़ेंगे तो हिटमैन ही टीम की कमान संभालेंगे. लेकिन कोहली के कप्तानी छोड़ने या उन्हें कप्तानी से हटाए जाने के मसले को भी व्यापक नजरिए से देखने की जरूरत है. इसकी औपचारिक सूचना बीसीसीआई एक प्रेस रिलीज से देता है और वह भी इसकी आखिरी दो लाइनों में. तब से ही विराट कोहली टेस्ट टीम में सबसे सीनियर खिलाड़ी के तौर पर खेल रहे हैं. पिछले दो ढाई साल में कभी ऐसा नहीं लगा कि वह रोहित की कप्तानी छीनने की कोशिश में हैं. हां, यह जरूर लगा कि वे रोहित को हर पल कुछ न कुछ अपना इनपुट दे रहे हैं. और यह विराट की शख्सीयत रही है. वे एमएस धोनी के कप्तान रहते भी ऐसे ही एक्टिव रहते थे, जैसे अभी दिखते हैं. ऐसे में यह कयास लगाना कि विराट फिर से कप्तान बनना चाहते हैं, इस बात में सच्चाई नजर नहीं आती.

बैटिंग में फोकस करना चाहते हैं कोहली
भारतीय टीम में रोहित शर्मा की जगह लेने के लिए बुमराह के रूप में आदर्श विकल्प है. यह भी तय है कि रोहित शर्मा वनडे टीम की कप्तानी चैंपियंस ट्रॉफी तक करते रहेंगे. इस टूर्नामेंट के बाद भारत में आईपीएल महोत्सव शुरू हो जाएगा. उसके बाद बोर्ड को यह तय करना होगा कि वनडे या टेस्ट टीम का कप्तान कौन हो. वनडे में अगला बड़ा टूर्नामेंट 2027 (विश्व कप) में होना है, जिसमें विराट कोहली के खेलने गारंटी नहीं दी जा सकती. ऐसे में बोर्ड उन पर दांव लगाने से रहा. विराट कोहली भी करियर के आखिरी पड़ाव में अपनी बैटिंग पर अतिरिक्त दबाव लेने से रहे. वे एंजॉय करते हुए अपने करियर को अलविदा कहना चाहेंगे. कोहली अपनी लीगेसी बतौर बैटर ही छोड़ना चाहते हैं क्योंकि वर्ल्ड कप ना जीत पाने के चलते उनकी कप्तानी की बात कोई नहीं करता. मैदान पर उनकी भूमिका भी बड़े भाई की ही रहती है.ऐसे में लगता है कि विराट कोहली के अंतिरम कप्तान बनने की ख्वाहिश जताने वाली खबरें सिर्फ टीम इंडिया के प्रदर्शन से ध्यान हटाने की कोशिश है. इससे ज्यादा कुछ नहीं.

Tags: India vs Australia, Jasprit Bumrah, Rohit sharma, Team india, Virat Kohli



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