IPS Abhishek Singh, SSP Muzaffarnagar: यूपी के एक आईपीएस अधिकारी ने कांवड़ यात्रा को लेकर एक ऐसा वीडियो संदेश जारी किया कि वह हर तरफ चर्चा का विषय बन गया. यह आईपीएस अधिकारी वर्तमान में यूपी के मुजफ्फरनगर के एसएसपी (SP) हैं. कावड़ यात्रा को लेकर दिए गए उनके एक आदेश को लेकर यूपी से लेकर देश की सियासत गर्मा गई. जिसके बाद वह काफी चर्चा में आ गए. बता दें इस आईपीएस का नाम है अभिषेक सिंह. इससे पहले भी वह कई मामलों को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं. अभिषेक सिंह ने कांवड़ यात्रा को लेकर एक वीडियो संदेश जारी किया था.
क्या है पूरा मामला
दरअसल सावन मास में कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है, जिसकी तैयारी के मद्देनजर यूपी पुलिस ने कुछ नियम बनाए हैं. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने एक निर्देश जारी किए, जिसमें कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों और छोटे-मोटे दुकानदारों को आदेश दिया गया कि वे अपनी दुकानों के आगे मालिकों का नाम लिखें, ताकि मालिकों के धर्म की पहचान की जा सके. मुजफ्फरनगर पुलिस का तर्क है कि इस निर्देश का उद्देश्य धार्मिक जुलूस के दौरान भ्रम से बचना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है. इस संबंध में एसएसपी अभिषेक सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो संदेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने इसकी जानकारी देते हुए कहा था जिले में लगभग 240 किमी कांवड़ यात्रा का रूट है. इस रूट पर सभी होटल, ढाबे वालों को अपनी दुकान के आगे मालिकों के नाम लिखने को कहा गया है, जिससे कावड़ियों को किसी तरह का कोई भ्रम न रह जाए.अभिषेक सिंह के इस वीडियो को कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी ने शेयर कर अलग अलग प्रतिक्रियाएं दीं और योगी सरकार पर हमलावर हो गए. हालांकि बाद में प्रशासन की ओर से यह आदेश वापस ले लिया गया और कहा गया कि अगर दुकानदार चाहें तो दुकान पर अपना नाम लिखें जो न चाहें वो मत लिखें.
कौन हैं आईपीएस अभिषेक सिंह
मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक सिंह वर्ष 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं अभिषेक सिंह की शुरूआती पढाई लिखाई लखनऊ में ही हुई अभिषेक सिंह के पिताजी पेशे से वकील थे और लखनऊ में ही वकालत करते थे. वर्ष 2009 में अभिषेक सिंह ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. उसके बाद ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी में 15 लाख सालाना की नौकरी करने लगे, लेकिन विदेश में उनका मन नहीं लगा. वापस देश लौट आए. लौटने के बाद उन्होंने कैट और यूपीएससी की तैयारी की. दोनों में उनका सेलेक्शन हो गया, लेकिन अभिषेक ने यूपीएससी को चुना. वह आईपीएस बन गए.
उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम ‘Judenboycott’ था। https://t.co/lgvCf2HoQE
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 17, 2024