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Monday, December 23, 2024

क्या है इंडो-इजरायल फार्म? जिससे बदल जाएगी तकदीर, मात्र ₹1 में मिलेंगे बेहतरीन पौधे!

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बस्ती: जनपद के निवासियों के लिए यह खुशखबरी के अलावा उन्नतशील कृषकों के लिए यह लाभप्रद भी है. इंडो इजराइल फॉर्म की तकनीक से अब किसान ज्यादा से ज्यादा और अच्छे से अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. कृषि के क्षेत्र में यह एक मिल का पत्थर है. जिससे आधुनिक तकनीक का उपयोग कर किसान आर्थिक उन्नति की तरफ अग्रसर हो सकते हैं.फार्म के इंचार्ज अखिलेश कुमार ने लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि हर मौसम के लिए इंडो इजराइल बंजरिया फॉर्म सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है.

बता दें कि किसान यहां से उन्नतशील किस्म के पौधे ले जा कर खेत में रोपण कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. यदि वहां खुद के बीज का भी नर्सरी तैयार करवाना चाहते हैं तो इंडो इजराइल फार्म पर संपर्क कर खुद की नर्सरी लगवा सकते हैं जिसके लिए महीने भर में नर्सरी तैयार करने का चार्ज मात्र केवल ₹1 प्रति पौधे होता है.

किस तकनीक से तैयार किए जाते हैं पौधे
इंडो इजराइल फार्म बंजरिया में इजराइल तकनीक से पौधे तैयार किए जाते हैं. जिनमें उन्नतशील बीजों का प्रयोग करके पॉलीहाउस में विकसित होने के लिए रख दिया जाता है. जिसमें निश्चित मात्रा में कोकोपीट, पर लाइट, वर्मी कोलाइट मिलने के बाद पौधों को पाली हाउस निश्चित टेंपरेचर पर उनके निश्चित ग्रंथ के लिए डाल दिया जाता है 30 दिन में जब पौधे तैयार हो जाते हैं तब किसानों को बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाता है.

कितनी होती है प्राइस
सब्जियों के पौधों की तैयार की गई प्राइस मात्र केवल ₹2 प्रति पौधे होते हैं. इसके अलावा यदि कोई किसान खुद के बीज देकर नर्सरी तैयार करवाता है तो उससे मात्रा 1 रुपए प्रति पौधे लिए जाते हैं और 30 दिन की नर्सरी तैयार करके उसको पौधे दे दिए जाते हैं. इसके बाद वह अपने खेत में डायरेक्ट पौधों का रोपण कर अच्छी फलन के साथ अच्छा उत्पादन ले सकता है.

क्या है इंडो इजराइल तकनीक
इंडो इजराइल तकनीक में वातानुकूलित एवं ड्रिप इरीगेशन सहित पौधों के रखरखाव सहित अन्य तकनीकों का समुचित प्रयोग करते हुए प्रयोगशालाओं में उगाया जाता है. जिससे पौधों की उपज अच्छी होने के साथ-साथ उसके बीजों का संवर्धन भी किया जा सकता है जिससे किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके.

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इस समय क्या है उपलब्ध
लोकल 18 से बातचीत में फार्म के इंचार्ज अखिलेश कुमार ने बताया कि रबी की सब्जियों में टमाटर, फूलगोभी, शिमला मिर्च, मिर्च, पत्तागोभी आदि की पौध अगस्त से ही तैयार हो जाती है. रबी की फसल की तैयारी नवंबर तक हर महीने क्रमिक रूप से चलती है, उसके बाद फिर से गर्मी के लिए सब्जियों की पौध तैयार होने लगती है.

Tags: Local18, Special Project



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