नई दिल्ली. कर्नाटक में जन्मे कुंदरन भारत के एकमात्र स्पेशलिस्ट विकेटकीपर हैं, जिन्होंने एक ही टेस्ट मैच में ना सिर्फ बल्ले से बल्कि बॉल से भी पारी की शुरुआत की. बुधी कुंदरन की छवि हार्ड हिटर की थी. दाएं हाथ का बैटर, जो स्पेशलिस्ट विकेटकीपर था और साथ में तेज गेंदबाजी भी करता था. आइए जानते हैं कि आखिर इस खिलाड़ी ने क्रिकेट का यूनिक रिकॉर्ड कब बनाया. उसने भारत के लिए कितने मैच खेले और संन्यास लेने के बाद किस देश में बस गया.
जब भी भारत के कामयाब विकेटकीपर्स की लिस्ट बनाई जाती है तो इसमें बुधीसागर कुंदरन का नाम भी शामिल होता है. 2 अक्टूबर को जन्मे बुधी कुंदरन ने 18 टेस्ट मैच खेले. उन्होंने इन मैचों में 32.70 की औसत और 2 शतकों की मदद से 983 रन बनाए. उनका सर्वोच्च स्कोर 192 रन था, जो 2013 साल तक किसी भी भारतीय विकेटकीपर का भी बेस्ट था. एमएस धोनी ने 224 रन बनाकर कुंदरन का रिकॉर्ड तोड़ा था.
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बात कुंदरन के अनोखे रिकॉर्ड की, जो उन्होंने 1967 में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था. बुधी कुंदरन बर्मिंघम में खेले गए इस मैच में भारत की ओर से बतौर विकेटकीपर नहीं, बल्कि बैटर के तौर पर उतरे थे. उन्होंने इंग्लैंड की पहली पारी में भारत के लिए नई गेंद से गेंदबाजी की. उनके पार्टनर वेंकटरमन सुब्रमण्यम थे. हालांकि, बुधी 4 ओवर के अपने स्पेल में विकेट लेने में नाकाम रहे.
बुधी कुंदरन यहीं नहीं रुके और उन्होंने बल्लेबाजी में भी भारत की पारी की शुरुआत की. इस बार उनके ओपनिंग पार्टनर थे फारूक इंजीनियर. हालांकि, बॉलिंग की तरह बैटिंग में भी बुधी इस मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में 33 रन बनाकर आउट हुए.
बुधी कुंदरन भारत के लिए 1967 तक खेले. उन्होंने ने बतौर विकेटकीपर 15 और बतौर बैटर 3 टेस्ट मैच खेले. संन्यास के कुछ साल बाद वे स्कॉटलैंड में बस गए. साल 2006 में 66 साल की उम्र में बुधी कुंदरन का निधन हो गया.
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FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 20:02 IST