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Thursday, October 24, 2024

रचिन के बैट से निकलती आवाज बताती है उनकी सफलता का राज

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नई दिल्ली. 90 के दशक से भारतीय पिचों पर अगर मेजबान टीम कोई बड़े उलटफेर का शिकार होती है तो उसमें कहीं ना कहीं बाएं हाथ के बल्लेबाजो का बड़ा रोल रहा है. बैगंलुरु टेस्ट हार में भारतीय टीम को हराने में भी बाएं हाथ का बड़ा रोल रहा. बाएं हाथ के मिडिल आर्डर बल्लेबाज रचिन रवींद्र प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए। उन्होंने पहली पारी में 134 और दूसरी पारी में नाबाद 39 रन बनाए. अब सवाल बड़ा ये उठता है कि आखिर क्यों हम आज तक बाएं हाथ के बल्लेबाजो के खिलाफ बेबस हो जाते है खास तौर पर भारतीय स्पिनर्स की कलई पूरी तरह से खुल जाती है

चिन्नास्वामी भी इससे अछूता नही रहा. रचिन रवींद्र ने जिस आक्रमक अंदाज में दोनों पारियों में बल्लेबाजी की उससे हर कोई हैरान था. रचिन की बल्लेबाजी की खासियत ये रही कि वो दूसरे का साथ रन बनाना यानि साझेदारी करना जानते है. पहली पारी में साउदी के साथ 137 रन की साझेदारी से भारतीय टीम बैकफुट पर आ गई.रचिन ने दूसरी पारी में विल यंग के साथ नाबाद 75 रनों की साझेदारी करके टीम को जीत दिलाई.

टेक्नीक टेंपरामेंट और टाईमिंग से सजी है रचिन की बल्लेबाजी 

रचिन रवींद्र की बल्लेबाजी के सबसे बड़े मुरीद बन चुके पूर्व विकेट कीपर सबा करीम का मानना है कि रचिन आने वाले समय में बड़े बल्लेबाज के तौर पर अपनी पहचान बना सकते है. सबा ने रचिन रवींद्र की बल्लेबाजी की सबसे बड़ी ताकत उनके फुटवर्क को माना है. अश्विन जाडेजा और कुलदीप जैसे गेंदबाजो के खिलाफ जिस अंदाज में बल्लेबाजी कि उसकी वजह से ये दिग्गज गेंदबाज सेटल नही हो पाए. स्वीप शाट का बेहतर इस्तेमाल भी रचिन रवींद्र को खास बनाता है. स्पिन के अलावा रचिन ने जिस अधिकार से बुमराह की गेंदबाजी को खेला वो भी उनके स्किल को दर्शाता है.

धोनी और चेन्नई सुपर किंग्स का जताया आभार 

मैन आफ दि मैच चुने जाने के बाद रविंद्र ने कहा कि “अगर सही मायने में बात करूं तो मैं वास्तव में CSK के लिए बहुत आभारी हूं। मैंने चेन्नई में काफी समय बिताया है और वहां पर मैंने तमाम तरह की विकेटों पर अभ्यास किया है। उस प्रैक्टिस से मुझे बहुत मदद मिली और मैं ऐसी पारी खेल सका।”

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रचिन का नाम बाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार 

कई क्रिकेट पंडितो ने रचिन  रवींद्र की बैंगलुरु में खेली गई पारी को बेस्ट माना  है .पिछले 30 साल में कई बाएं हाथ के विदेशी बल्लेबाजो ने भारत दौरे पर अपनी छाप छोड़ी.1996 में सईद अनवर ने भारत के खिलाफ बहुत रन बनाए जिसमें चेन्नई के मैदान पर शामिल 184 रन की पारी है.  एंडी प्लावर एक और बाएं हाथ के बल्लेबाज  जिन्होने 2000/01 की तीन मैचो की टेस्सीट सीरीज में 550 रन बनाए थे. 2001 की एक और टेस्ट सीरीज में आस्ट्रेलिया के लिए खेल रहे मैथ्यू हैडेन ने तीन मैचो में 109 की औसत से 549 रन बनाए थे. 2012-13 की टेस्ट सीरीज में एलियस्टर कुक ने इंग्लैंड के लिए 562 रन बनाए. कुक की बल्लेबाजी की वजह से इंग्लैंड भारत में टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब रहा. भारत दौरे पर और भी कई बाएं हाथ के दिग्गज ब्रायन लारा, गिलक्रिस्ट, और गैरी कर्स्टन ने भी खूब रन बनाए. हाल में बांग्लादेश के दो बाएं हाथ के बल्लेबाज मोमेनुल और नजमुल हुसैन शंटो ने भी अच्छी बल्लेबाजी की.

Tags: India vs new zealand, Rachin Ravindra, Rohit sharma, Virat Kohli



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