नई दिल्ली. पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई हालिया सीरीज के आखिरी मुकाबले में लिटन दास जीत के नायक थे. मुश्किल में शतक जमाकर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी. अब भारत में आने से पहले उन्होंने बड़ा बयान दिया है. लिटन दास का मानना है कि भारत में लाल रंग की ‘एसजी टेस्ट गेंद’ का सामना करना टीम के लिए पूरी तरह से अलग होगा जो काफी मुश्किल परीक्षा होगी.
लिटन ने दो टेस्ट में 56 और 138 रन की पारी खेली. वह 19 सितंबर से चेन्नई में शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज के दौरान कप्तान नजमुल हुसैन शांटो, मोमिनुल हक, मुश्फिकुर रहीम, शाकिब अल हसन और युवा शादमान इस्लाम के साथ एक बार फिर बांग्लादेश के बल्लेबाजी लाइन के अहम खिलाड़ी होंगे. पाकिस्तान में टेस्ट मैच कूकाबुरा गेंद से खेले गये थे जो श्रीलंका, बांग्लादेश, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका द्वारा घरेलू मैदानों पर इस्तेमाल की जाती है. कूकाबुरा की बुनाई इतनी मोटी और उभरी नहीं होती जितनी भारत में बनने वाली ‘एसजी टेस्ट’ गेंद की होती है जो रिवर्स स्विंग में मदद कर सकती है.
लिटन ने ‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ से कहा, ‘‘भारत में गेंद अलग होगी. एसजी गेंद के खिलाफ खेलना थोड़ा मुश्किल होता है. कूकाबूरा गेंद जब पुरानी हो जाती है तो इससे खेलना आसान होता है. इससे बेहतर कुछ नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि यह दबाव है. हम टेस्ट में सुधार कर रहे हैं, इसलिए हमें इस प्रारूप में थोड़ा और निरंतर होना चाहिए. यही मुख्य चुनौती है.’’
बांग्लादेश के लिए पिछले नौ साल तीनों प्रारूपों में 223 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके लिटन अब विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए काफी अनुभवी हो चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब जिम्मेदारी उठानी होगी. यह सही समय है. मैं पिछले 10 साल से खेल रहा हूं तो थोड़ा अनुभवी हो चुका हूं. मैं कुछ गेंदों पर रन जुटाने की कोशिश करूंगा जिन्हें मुझे लगता है कि मैं हिट कर सकता हूं. इन दिनों रन बनाना ज्यादा अहम है. मुझे लगता है कि मैं उसी तरीके से बल्लेबाजी करता हूं जिस तरह से ज्यादातर बल्लेबाज खेलते हैं.’’
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 23:57 IST