नई दिल्ली. अस्सी नब्बे के दशक से जब भी भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज़ होती है तो हर किसी की नज़र ऑस्ट्रेलियाई स्क्वॉड और खिलाड़ियों के प्रोफ़ाइल पर जाती है. अब आप हैरान हो रहें होगें कि इसमें ख़ास क्या है . दरअसल नज़रें उन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की खोज में लग जाती है जो मूंछों के साथ मैदान पर उतरते है .
वैसे भी मूंछ रखना रौब दिखाने की निशानी होती है ये तो सब जानते हैं पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने इस बात को बहुत गंभीरता से लिया और इतिहास पर नज़र डालें तो मूंछ वाले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स का अलग क्रेज़ रहा है . इस बार की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में एक बार फिर सबसे ज़्यादा चर्चा एक मूंछ वाले बल्लेबाज़ की है जो दो बार भारत को पहले भी गहरी चोट दे चुका है.
मूंछें हो तो ट्रेविस हेड जैसी
भारतीय टीम के खिलाफ इन दिनों मूंछो पर ताव देकर कोई रन बना सकता है तो वो है ट्रैविस हेड .. इसी लिए इस बार की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में सबसे ज़्यादा चर्चा भी इसी बल्लेबाज़ की हो रही है . भारत के खिलाफ हेड के रिकॉर्ड हैरान करने वाले है . सबसे पहले बात दो वर्ल्ड चैंपियनशिप की कर लेते है .. 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में हेड ने तूफ़ानी शतक लगाया और ऑस्ट्रेलिया के चैंपियन बनाने में बड़ा रोल अदा किया फिर उसी साल 50 ओवर के वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में हेड ने फिर शतक जड़ दिया और भारत का सपना टूट गया . इस बार भी हेड भारत के लिए बड़ा ख़तरा हैं . ट्रेविड हेड का भारत के खिलाफ रिकॉर्ड लाजवाब रहा है। क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में टीम इंडिया के खिलाफ खेले 10 टेस्ट मैचों की 18 पारियों में हेड ने 42 की बढ़िया औसत से 715 रन ठोके हैं। इस दौरान हेड ने एक शतक और 3 फिफ्टी जमाई है.
मूंछों के साथ जानलेवा थे जानसन
2014-15 में ऑस्ट्रेलिया ने आख़िरी बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी जीता था तब उस टीम में एक मूंछ वाले गेंदबाज़ ने क़हर ढाया था उस गेंदबाज़ का नाम था मिचेल जानसन . इस गेंदबाज़ ने तब विराट कोहली समेत कई बल्लेबाज़ों के सिर पर बॉल मारा था और उनकी खुंखार गेंदबाज़ी के सामने भारत 2-0 से सीरीज़ हार गया था. तीन मैचों की सीरीज़ में जॉनसन ने 13 विकेट लिए थे .
मूंछें हो तो बून जैसी
1987 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया की जीत के हीरो रहे बून अपनी क़द काठी और अपनी मूंछो के लिए काफ़ी सुर्ख़ियों में रहते थे. भारत के खिलाफ उन्होंने भी ढेरों रन बनाए . 1991-82 की तीन मैचों की सीरीज़ के डेविड बून ने डॉमिनेट किया और 79.42 का औसत से 556 रन बनाए. बून उन मूंछ वाले बल्लेबाज़ों की क़तार में शायद सबसे आगे खड़े नज़र आएंगे.
मर्व ह्यूज जैसा कोई नहीं
80 के दशक में जब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट कैरी पैकर की वजह से परेशानी में था तब कंगारू टीम में एक ऐसा तेज गेंदबाज़ आया जो अपनी गेंदबाज़ी से ज़्यादा अपनी मुंछो के लिए फ़ेमस था. देसी भाषा में गल्लमुच्छ यानि गाल तक की बड़ी मूंछों के साथ ह्यूज जब रन अप पर भागते थे तो उनका एक अलग क्रेज देखने को मिलता था. ह्यूज के पास शानदार कटर गेंद के अलावा बेहतरीन स्लोवर गेंद भी थी . उनकी बाउंसर्स भी सीधे सिर की तरफ़ आती थी इसीलिए उनको खेलना किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ के लिए चैलेंज हुआ करता था . भारत के खिलाफ मर्व ह्यूज़ ने 6 टेस्ट में 27.47 की औसत से 23 विकेट लिए .
लाजवाब लिली
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज डेनिस लिली की मूंछ और उनकी गेंदबाज़ी की चर्चा ना की जाए तो ग़लत होगा. एक गेंदबाज़ के तौर पर डेनिस लिली जितने अपनी आउट स्विंग और रफ़्तार भारी स्विंग गेंदबाज़ी के लिए सुर्ख़ियों में रहते थे उतना ही अपने लुक की वजह से .भारत के खिलाफ लिली ने हमेशा ज़बरदस्त गेंदबाज़ी की .1980-81 की सीरीज़ में लिली ने 36 विकेट लेकर भारतीय टीम को बहुत परेशान किया था .पुराने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटप्रेमी की मूंछे इस लिए भी सुर्ख़ियों में रहती थी क्योंकि वो उसके अपने ऐग्रेशन का प्रतीक मानते थे .
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FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 15:56 IST