नई दिल्ली. जय शाह आईसीसी के नए चेयरमैन चुने गए हैं. यह खबर एक दिन पुरानी हो चली है. अब बात खबर से आगे की. बतौर आईसीसी चेयरमैन जय शाह के सामने सबसे बड़ा चैलेंज क्या आने वाला है. आप कुछ भी कयास लगाएं, उससे पहले बता दें कि इसके जवाब से पाकिस्तान का कनेक्शन है. यानी, जय शाह बीसीसीआई सचिव से प्रमोट होकर भले ही क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था के प्रमुख बन गए हैं, लेकिन पाकिस्तान उन्हें सिरदर्द देता रहेगा. इस बार यह सिरदर्द आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की वजह से मिलने वाला है. जय शाह एक दिसंबर से आईसीसी चेयरमैन की जिम्मेदारी संभालेंगे.
चलिए खुलकर बात करते हैं. पाकिस्तान को अगले साल आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करनी है. इस मेजबानी की कामयाबी में सबसे बड़ा मसला यह है कि क्या भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी. पिछले 10-15 साल का रिकॉर्ड देखते हुए यह लगभग पक्का है कि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी. वजह- टीम इंडिया के पाकिस्तान जाने या ना जाने का निर्णय भारत सरकार के रुख पर निर्भर है. भारत सरकार का रुख पिछले 10 साल में टस से मस नहीं हुआ है. ऐसे में यह उम्मीद करना कि भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी, रेत से तेल निकालने जैसा ख्वाब है. हमेशा की तरह भारत का जवाब भी वही रहने वाला है कि टीम को पाकिस्तान में खतरा है.
पाकिस्तान आईसीसी से करेगा शिकायत
अगर भारत सुरक्षा कारणों से अपनी टीम पाकिस्तान भेजने से इंकार करता है और बाकी टीमें वहां आने को तैयार हैं, तो फिर यह मामला आईसीसी के पास जाएगा. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, आईसीसी से भारतीय क्रिकेट बोर्ड की शिकायत करेगा. अब यहीं जय शाह की भूमिका शुरू होती है. बतौर आईसीसी चेयरमैन उन्हें पूरी तटस्थता से इस पर अपना निर्णय देना होगा. महत्वपूर्ण बात यह कि ना सिर्फ जय शाह को न्यूट्रल रहना होगा, बल्कि ऐसा दिखना भी होगा.
पहले भी ऐसी भूमिका में रह चुके शाह
जय शाह बीसीसीआई सचिव के साथ-साथ एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के चेयरमैन भी रह चुके हैं. बतौर एसीसी चेयरमैन उन्होंने एशिया कप 2023 की मेजबानी के लिए हाइब्रिड मॉडल का समर्थन किया था. इसके चलते पाकिस्तान को अपनी मेजबानी के कुछ मैच श्रीलंका की सह मेजबानी में कराने पड़े थे. अब यह देखना होगा कि जय शाह आईसीसी चेयरमैन के तौर पर इस स्थिति से कैसे निपटते हैं.
दुबई में मैच खेल सकता है भारत
माना जा रहा है कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी हाइब्रिड मॉडल में हो सकती है. इस मॉडल के तहत टूर्नामेंट का मेजबान पाकिस्तान ही रहेगा. पाकिस्तान अपने सारे मैच अपने देश में ही खेलेगा. भारत अपने मैच दुबई में खेलेगा. भारत और पाकिस्तान का मुकाबला भी दुबई में ही होगा.
टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता भी मुद्दा
इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता बनाए रखने के लिए भी जय शाह को कड़े फैसले लेने होंगे. लीग क्रिकेट बनाम नेशनल टीम का विवाद भी बड़ा होता जा रहा है. जय शाह को इस मसले पर भी सही संतुलना बिठाना होगा. ओलंपिक में क्रिकेट का प्रचार भी अहम चुनौती रहेगी. लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2028 में क्रिकेट की दोबारा एंट्री होने वाली है.
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 06:03 IST