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Monday, July 1, 2024

मां के दूध के बराबर है इस रेगिस्तानी जानवर का दूध, कई बीमारियों के लिए कारगर

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निखिल स्वामी/ बीकानेर:- कई बार लोग स्वस्थ शरीर के लिए गाय और भैंस का दूध पीते हैं. लेकिन ऊंटनी का दूध भी काफी अच्छा और फायदेमंद माना जाता है. इसमें दूसरे जानवरों के दूध के मुकाबले में प्रोटीन, जिंक, आयरन होता है और फैट भी कम होता है. दूसरे जानवरों के दूध के मुकाबले में यह काफी पतला दूध होता है. इस ऊंटनी के दूध को पीने से बड़ी-बड़ी और गंभीर बीमारियों का इलाज होता है.

बीकानेर के राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र में ऊंटनी के दूध को अब मेडिसिन में इसका उपयोग होने लगा है. इसके लिए केंद्र के वैज्ञानिक शोध में जुटे हुए हैं. कई बीमारियों में तो ऊंटनी का दूध कारगर साबित हुआ है और कई बीमारियों पर अभी तक शोध चल रहा है.

मां के दूध के बराबर मिलती है ताकत
राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार सावल ने लोकल18 को बताया कि ऊंटनी का दूध औषधीय गुणों से भरपूर है. दूसरे जानवरों के दूध की तुलना में इसका दूध पतला होता है और फैट भी 2 प्रतिशत होता है. यह ऊंटनी का दूध आसानी से पच जाता है. इस दूध में प्रोटीन भी 3 प्रतिशत होता है. इस ऊंटनी के दूध को एक तरह से मां के दूध के बराबर माना जाता है. यहां केंद्र में ऊंटनी का दूध 60 रुपए किलो मिलता है. ऊंटनी के दूध को पॉश्चराइड करते हैं, इसके बाद दूध की पैकिंग की जाती है. इस ऊंटनी के दूध में विटामिन-सी की मात्रा ज्यादा रहती है, वो भी 10 से 15 प्रतिशत होती है. इसमें जिंक, आयरन भी ज्यादा होता है.

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मेडिसिन के हिसाब करें उपयोग
सावल ने Local18 को आगे बताया कि ऊंटनी के दूध का मेडिसिन में भी उपयोग होता है. कई वैज्ञानिक और डॉक्टर ने इसमें शोध किए हैं. यह शुगर, बीपी, टीबी, टाइफाइड, मलेरिया, मानसिक रोग से ग्रसित लोगों के काफी उपयोगी है. अभी वैज्ञानिक डेंगू पर इस दूध पर शोध कर रहे हैं. सावल ने ऊंटो की संख्या घटने पर चिंता करते हुए कहा कि ऊंटो के दूध को मेडिसिन के हिसाब से उपयोग में लें, जिससे ऊंटो की संख्या में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी हो.

ऊंटनी के दूध से एक नहीं, बल्कि अब तक 25 से ज्यादा तरह के प्रोडक्ट बनकर तैयार हो गए. इनमें ऊंटनी के दूध से मिठाई से लेकर मिलेट्स तक तैयार हो रहे हैं. केंद्र में ऊंटनी के दूध से फ्लेवर्ड ऊंट दूध, राबड़ी, घी, छाछ, दही, लस्सी, गुलाब जामुन, बर्फी, चॉकलेट, चॉकलेट बर्फी, चीज़, पेड़ा, पनीर, रसगुल्ला, क्रीम, दूध का पाउडर, कुल्फी, आइसक्रीम, कॉफी सहित कई आइटम तैयार होते हैं.

Tags: Bikaner news, Camel milk, Local18, Rajasthan news

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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