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Sunday, December 22, 2024

ठंड में त्वचा हो रही है रूखी तो तुरंत साबुन से नहाना छोड़ें, किन लोगों को कभी साबुन से नहीं नहाना चाहिए?

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‘फिल्मी सितारों का सौंदर्य साबुन’ आम लोगों के बीच खूब मशहूर है. शाहरुख खान, अनन्या पांडे, दीपिका पादुकोण, ऐश्वर्या राय जैसे अधिकतर बॉलीवुड स्टार साबुन के विज्ञापनों से जुड़े तो लोग भी इन्हें खरीदने लगे. 90 के दशक से अब तक बाजार में 700 से ज्यादा साबुन के ब्रांड लॉन्च हो चुके हैं. कोई बिना परफ्यूम लगाए दिन भर खुशबू देने की गारंटी देता है तो कोई केमिकल फ्री होने का दावा करता है. लेकिन ठंड के मौसम में साबुन का इस्तेमाल त्वचा के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है. 

क्यों है साबुन त्वचा के लिए नुकसानदायक
स्किन 4 तरह की होती हैं-ड्राई, ऑयली, नॉर्मल और सेंसिटिव. कई लोगों को लगता है कि जिनकी त्वचा सेंसिटिव होती है, उन्हें साबुन से बचना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं है. साबुन हर स्किन के लिए नुकसानदायक है. दरअसल हमारी स्किन का पीएच यानी पोटेंशियल ऑफ हाइड्रोजन 5.4-5.9 के बीच होता है. पीएच स्केल से एसिड और अल्कलाइन नेचर का पता चलता है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार बाजार में बिक रहे अधिकतर साबुनों का पीएच लेवल 9 से 10 के बीच है. यानी स्किन के मुकाबले साबुन ज्यादा एसिडिक नेचर का होता है जो स्किन के पीएच को बढ़ाकर उसे डैमेज करने लगता है.  

त्वचा खोने लगती है नमी
साबुन डिस्टिल्ड वॉटर, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, कई तरह की प्रेग्नेंस समेत कई केमिकल से बनता है. इन केमिकलों के इस्तेमाल से इसका पीएच ज्यादा होता है. जब इन्हें त्वचा पर लगाया जाता है तो वह अपनी नमी खोने लगती है. इससे वह रूखी और बेजान होने लगती है जिससे स्किन बैरियर डैमेज होता है. जब ऐसा होता है तो स्किन पर इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. सर्दियों में इस वजह से अक्सर त्वचा का रंग बेरंग होने लगता है. लाल निशान पड़ने लगते हैं और कई बार खुजली भी सताती है.   

ठंड के मौसम में एलोवेरा, विटामिन ई और नारियल तेल से बना हैंडमेड साबुन सुरक्षित है (Image-Canva)

एक्जिमा या सोरायसिस का खतरा
जब स्किन का पीएच लेवल 5.4-5.9 से ज्यादा हो जाता है तो स्किन हद से ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है. ऐसे में कई बार त्वचा का रंग नॉर्मल की जगह गहरा गुलाबी या भूरा पड़ने लगता है और धीरे-धीरे वह पपड़ी की तरह झड़ने लगती है. इसमें कई बार पानी जैसा तरह पदार्थ भी निकलता है. यह बहुत भयानक स्थिति होती है. यह एक्जिमा या सोरायसिस हो सकता है. यह स्थिति गंभीर हो सकती है. ऐसे लोगों को साबुन से बिल्कुल भी नहीं नहाना चाहिए.

झुर्रियां सता सकती है
साबुन से त्वचा हमेशा ड्राई होती है और अगर लोग इसे चेहरे पर लगाएं तो झुर्रियां भी जल्दी पड़ने लगती हैं. साबुन से स्किन अपनी नमी खोने लगती है तो कोलेजन भी घटने लगता है. इससे चेहरे की त्वचा पर एर्ली एजिंग के लक्षण दिखने लगते हैं. वहीं अनइवन स्किन टोन यानी त्वचा की रंगत बिगड़ने लगती है. चेहरे पर साबुन की जगह हमेशा फेस वॉश लगाना चाहिए.    

शावर जेल या बॉडी वॉश से नहाएं
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. कशिश भरेजा कहती हैं सर्दी के मौसम में त्वचा को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. लोग स्किन केयर को देखते हुए साबुन का इस्तेमाल करते हैं. वहीं जिन लोगों की सेंसिटिव स्किन होती है वह मेडिकेटेड साबुन से नहाते हैं लेकिन कोई भी साबुन त्वचा के लिए अच्छा नहीं है. साबुन से लंबे समय तक नहाया जाए तो त्वचा एल्कलाइन नेचर में बदल जाती है जिससे स्किन के बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. साबुन से बेहतर शावर जेल या बॉडी वॉश का इस्तेमाल है. जिनकी स्किन ड्राई होती है, उनके लिए बॉडी वॉश बना है जबकि ऑयली स्किन वालों के लिए शावर जेल बेस्ट है. लेकिन सर्दी के मौसम में हर किसी की स्किन ड्राई होने लगती है इसलिए इस मौसम में बॉडी वॉश से नहाना ठीक है.  

सी-सॉल्ट से त्वचा खिल उठती है
पुराने जमाने में लोग समुद्री नमक से नहाते हैं. समुद्री नमक को अंग्रेजी में सी-सॉल्ट कहते हैं. एक इंटरव्यू में जया बच्चन और उनकी बेटी श्वेता बच्चन ने बताया कि वह सी-सॉल्ट से नहाते हैं. ठंड के मौसम में इससे नहाना बेहद फायदेमंद है. सी-सॉल्ट से स्किन सॉफ्ट और हाइड्रेट रहती है. इस नमक को शरीर पर सर्कुलर डायरेक्शन में मलना चाहिए. कुछ मिनट तक ऐसा करने के बाद नहा लेना चाहिए. इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है और त्वचा चमकने भी लगती है. इससे थकान भी दूर होती है क्योंकि मसल्स रिलैक्स हो जाती हैं.

ओटमील से बना बॉडी वॉश त्वचा की नमी को बरकरार रखता है (Image-Canva)

मिल्क बाथ है फायदेमंद
दूध स्किन केयर के लिए सबसे अच्छा है. इसमें मौजूद फैट्स और प्रोटीन स्किन की नमी को खोने नहीं देते. इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड त्वचा से डेड स्किन सेल्स को हटाता है और त्वचा साफ,  बेदाग और सॉफ्ट हो जाती है. प्राचीन मिस्र की महारानी क्लियोपेट्रा बेहद खूबसूरत थी. इतिहासकार मानते हैं कि वह गधी के दूध से नहाती थीं. वहीं, पुराने जमाने में रानियां मिल्क बाथ ही लेती थी. इसके लिए 2 कप दूध को गर्म पानी में मिला लें और उसमें 15 मिनट के लिए बैठ जाएं. धीरे-धीरे त्वचा की मसाज करें. इससे ठंड के मौसम में कभी भी त्वचा रूखी नहीं होगी.   

नहाने का तरीका बदलें
हेल्थ डाइजेस्ट के अनुसार नहाने की भी एक टेक्नीक होती है. नहाने से पहले शरीर को मॉइस्चराइज करना चाहिए. यानी नहाने से पहले शरीर पर नारियल या सरसों के तेल से मालिश करें. इसके बाद नहाने जाएं. इससे स्किन ड्राई नहीं होती. नहाते वक्त ध्यान रखें कि पानी ज्यादा गर्म ना हो. गर्म पानी भी त्वचा को रूखी बनाता है. चेहरे पर फेस वॉश लगाएं. इसके बाद बॉडी वॉश को गले से लगाना शुरू करें और धीरे-धीरे पैरों तक जाएं. इसे लूफा की जगह हाथों से लगाएं क्योंकि लूफा से बैक्टीरियल इंफेक्शन जल्दी फैलता है. शरीर के हर हिस्से को गोल-गोल हल्के हाथों से रगड़ें. ऐसा 30 सेकंड तक करने से शरीर का मैल उतर जाता है.  

Tags: Global health, Glowing Skin, Health, Lumpy Skin Disease, Skin care, Tips for glowing skin



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