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Wednesday, June 26, 2024

क्यों होती दूसरों की तरक्की से जलन? क्या होता है इसका असर, साइकोलॉजिस्ट से समझिए मन की कुंठा को कैसे मिटाएं

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How to Handle Workplace Jealousy: ऑफिस में या वर्क प्लेस पर दूसरों की तरक्की से जलन आम बात है. ऐसा अधिकांश लोगों के साथ होता है. अगर अपने समकक्ष या अपने से जूनियर किसी सहयोगी की तरक्की होती है या उसकी सैलरी बढ़ती है तो जलन होना स्वभाविक है. लेकिन अधिकांश लोग इस जलन को काबू में कर लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं लेकिन कुछ लोगों के मन-मस्तिष्क से यह जलन जाती ही नहीं है. इस जलन को मिटाने की कुंठा में वह कुछ से कुछ कर लेता है और फिर अपना ही नुकसान कर बैठता है. इससे मन में कई तरह की परेशानियां तो होती ही है, शरीर में भी परेशानियां हो सकती है. आखिर इस जलन को कैसे भगाया जाए या इससे कैसे मुक्ति पाई जाय. आखिर जलन होती ही क्यों है, इन सारे विषयों को लेकर हमने फोर्टिस हेल्थकेयर, नई दिल्ली विहेवियरल साइंट के डायरेक्टर डॉ. समीर पारेख से बात की.

तरक्की से क्यों होती है जलन
डॉ. समीर पारेख ने बताया कि वर्क प्लेस पर या ऑफिस में या यहां तक कि स्कूल-कॉलेजों में साथी की तरक्की से जलन होने लगे तो यह एक कुंठित मानसिक प्रवृति है. ऐसे व्यक्तियों के मन में हर समय अपने साथियों से बेहतर करने की चाह होती है. जब परिणाम अपेक्षित नहीं होता तब यह महत्वाकांक्षा धीरे-धीरे जलन या ईर्ष्या के रूप में सामने आने लगती है. ऐसे में जलन की प्रवृति बढ़ती है. जब यह ज्यादा हो जाता है तब असुरक्षा, आक्रोश और संदेह की भावनाएं पैदा होने लगती है. अक्सर लोगों के मन में यह चीजें बैठ जाती है कि सामने वाले साथी में मुझसे कम प्रतिभा है, इसके बावजूद वो मुझसे आगे बढ़ा हुआ है. धीरे-धीरे यह प्रवृति इतनी बढ़ जाती है कि वह कुंठाग्रस्त होने लगता है और जलन की यह भावना व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है.

ऐसे मिटाएं जलन

1. खुद पर भरोसा-डॉ. समीर पारेख कहते हैं कि जलन की भावना तब होगी जब आप को खुद पर भरोसा नहीं होगा. ऐसे में खुद से प्यार कीजिए. खुद की तरक्की के बारे में सोचें कि क्या करने से क्या होगा. खुद को खुश रखने की कोशिश करें. खुद में संतुष्ट रहें. आत्म प्रेम आपके अंदर की जलन की भावन को कम कर देगी

2. क्षमता को पहचानें- आपके अंदर तब जलन बढ़ती है जब आपको अपनी क्षमता का आभास नहीं होता. इसलिए अपनी क्षमता को पहचानें. यह सोचे कि आप भी सब कुछ कर सकते हैं. लेकिन यह सकारात्मक दिशा में होनी चाहिए न कि किसी का अहित कर. दूसरे के जीवन में तांक-झांक न करें. सिर्फ अपने ग्रोथ पर फोकस करें.

3. गोल निर्धारित करें- जीवन में हर किसी का लक्ष्य होना चाहिए. यदि आप लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो इससे आपको उस चीज पर फोकस करने में सहुलियत होगी. इसके लिए बेहतर स्ट्रेटजी बनाइए.  इसमें पुरानी गलतियों को सुधारिए और अपने मेन लक्ष्य पर फोकस कीजिए.

4. अपना ग्रोथ देखें-अपने ग्रोथ को देखने का एक तरीका यह है कि आप यह सोचिए कि हमने जो अब तक अचीव किया है वह हमारी सर्वश्रेष्ठ क्षमता नहीं है. हमें इससे बेहतर प्रदर्शन करना होगा. हालांकि अगर अपेक्षित परिणाम नहीं आता तो इससे निराश नहीं हो. मन में सकारात्मकता रहेगी तो ग्रोथ निश्चित होगा. हार नहीं मानें प्रयास करते रहे. अगर कुछ अपेक्षित परिणाम नहीं आता तो उसके लिए रोएं नहीं बल्कि हालात से सामना करें.

5. अपना मूल्यांकन करें- गलती सुधारने का सबसे बेहतर तरीका है अपना मूल्यांकन करें. देखें कि कहां कमी रह गई. अगर आपने ईमानदारी से इसे पहचान लिया तो निश्चित रूप से आप सफल होंगे. बेशक थोड़ी समय लगे लेकिन लक्ष्य निर्धारित कर अगर इमानदारी से प्रयास करेंगे तो सफलता मिलेगी ही.

Tags: Lifestyle



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