Ranikhet Disease: उत्तराखंड का मशहूर टूरिस्ट स्पॉट ‘रानीखेत’ सुर्खियों में है. दरअसल, एक बीमारी का नाम भी रानीखेत रख दिया गया है. जबकि, इस बीमारी की उत्पत्ति यहां से हुई भी नहीं है. अब यह मामला उत्तराखंड होई कोर्ट जा पहुंचा है. जहां एक दायर याचिका में रानीखेत बीमारी के नाम को बदलने की मांग की गई है. क्योंकि इस नाम से रानीखेत जैसा फेमस टूरिस्ट स्पॉट बदनाम हो रहा है. अब आइए जानते हैं कि रानीखेत बीमारी क्या है और इसके क्या लक्षण हैं…
क्या है रानीखेत बीमारी?
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, रानीखेत बीमारी को न्यूकैसल रोग के नाम से भी जाना जाता है. यह रोग केवल पक्षियों को प्रभावित करता है. खासकर मुर्गियों के पोल्ट्री फार्म में इसका खतरा अधिक मडराता है. इसका संक्रमण पक्षियों के लिए जानलेवा साबित होता है.
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संक्रमित पक्षियों में न्यूकैसल रोग के ऐसे होते हैं लक्षण
भूख न लगना
खांसी
हांफना
नाक से पानी आना
आंखों से पानी आना
हरे रंग का दस्त
और ऐंठन जैसे तंत्रिका संबंधी लक्षण
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भारत से नहीं तो कहां से फैली यह बीमारी?
इसका पहला मामला 1926 में इंडोनेशिया और 1927 में इंग्लैंड में दर्ज हुआ था. 1927 में पहली बार पता चला कि यह रोग एक वायरस के संक्रमण से फैल रहा है. इसके बाद इस वायरस का नाम NDV (Newcastle Disease Virus) पड़ा और बीमारी को ‘न्यूकैसल’ नाम दिया. अमेरिकी सरकार की NCBI वेबसाइट के मुताबिक, यह महामारी इंग्लैंड के बाद कोरिया, भारत, श्रीलंका, जापान और फिलीपींस सहित दुनिया के बाकी हिस्सों में दर्ज की गई. जब यह बीमारी भारत के रानीखेत में पहुंची तो ब्रिटेन के साइंटिस्ट ने इसका नाम बदलकर रानीखेत कर दिया.
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FIRST PUBLISHED : May 19, 2024, 16:29 IST