हजारीबाग. स्वस्थ रहने के लिए लोगों को हमेशा पौष्टिक और ताजा भोजन करना चाहिए, लेकिन आजकल की इस भाग दौड़ की दुनिया में अक्सर लोग समय बचाने के लिए रात का बचा हुआ बासी भोजन खा लेते हैं. इसके अलावा कई लोग एक बार ही बहुत सारा भोजन बनाकर रख लेते हैं और उसे फिर बार-बार गर्म करके खाते हैं. अगर झारखंड की बात की जाए तो यहां बासी चावल खाना काफी प्रचलन में है, लेकिन बासी भोजन सेहत के लिए हानिकारक होता है. आयुर्वेद में इस धीमा विष माना गया है.
इस संबंध में हजारीबाग के धनवंतरी क्लिनिक के डॉक्टर एस एल मिश्रा (BAMS gach पटना, अनुभव 30 साल) बताते हैं कि आयुर्वेद में बासी खाना धीमे विष के समान हैं. शरीर पर इसके कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. कुछ प्रभाव ऐसे हैं जो तुरंत देखने को मिल जाते हैं. साथ ही गर्मियों में झारखंड में बासी चावल खाने का प्रचलन खूब रहता है. बासी चावल भी शरीर के लिए हानिकारक हैं.
बासी चावल हैं बेहद खतरनाक
उन्होंने आगे बताया कि गर्मी के दिनों में अक्सर लोग रात के बचे हुए चावल में पानी डालकर रख देते हैं और सुबह इसका सेवन करते हैं. इतनी देर में चावल फर्मेंटेड हो जाते हैं. इसके सेवन के बाद शरीर में वायु बनने लगती है. जिससे अपच, गैस, सुस्ती देखने को मिलती है. इसके साथ ही बासी चावल के सेवन करने से कई लोगों को नशा भी होता है. उन्होंने आगे बताया कि बासी भोजन करने से पाचन तंत्र काफी कमजोर हो जाता है. जिससे अक्सर लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हो जाते हैं. इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है. कई लोगों के अंदर इसके सेवन करने से डायरिया तक के लक्षण देखे गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 11:25 IST
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