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Wednesday, October 2, 2024

बच्‍चे की बढ़ेगी एकाग्रता, आपका ब्‍लड प्रेशर होगा कंट्रोल, दोनों सुबह 10 मिनट बैठकर करें ये काम

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Gyan Mudra: आजकल पेरेंट्स की ये शिकायत रहती है कि बच्‍चों को अगर फोन न दो तो वे न तो एकाग्र होकर चुप बैठते हैं और न ध्‍यान लगाकर पढ़ते हैं. एकाग्रता की ये कमी बच्‍चों के साथ-साथ आजकल बड़ों में भी देखने को मिल रही है. साथ ही बड़ों में हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या भी तेजी से बढ़ रही है लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि आपको अपने बच्‍चे के साथ बस रोजाना सुबह 10 मिनट बैठना है और आपकी ये दोनों समस्‍याएं जड़ से खत्‍म हो जाएंगी तो शायद आपको यकीन न हो, लेकिन सच में ऐसा है और आप इसे आजमाकर भी देख सकते हैं.

दिल्‍ली के ऑल इंडिया इस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का डिपार्टमेंट ऑफ न्‍यूरोलॉजी में मस्तिष्‍क पर योग को लेकर तमाम रिसर्च चल रहे हैं. यहां तक कि कई बीमारियों में भी विभिन्‍न योगासनों, प्राणायामों और मुद्राओं पर स्‍टडी की जा रही है, और खुद मॉडर्न साइंस ने माना भी है कि योग और योग की मुद्राएं बीमारियों के निदान में बेहद कारगर है. आपको बता दें कि योग की ऐसी ही एक मुद्रा है, ज्ञान मुद्रा.

ज्ञान मुद्रा से एकाग्रता बढ़ती है..

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अगर आपका भी बच्‍चा या खुद आप एकाग्र नहीं हो पाते हैं और आपको ब्‍लड प्रेशर हाई या लो की समस्‍या है तो बस 10 मिनट आपको इन दोनों परेशानियों से मुक्‍त करने के लिए काफी हैं. इस मुद्रा के लिए न तो आपको कोई विशेष ट्रेनिंग लेने की जरूरत है और न ही विशेष रूटीन फॉलो करने की, बस आपको रोजाना इस मुद्रा में सुबह बैठना है, और फिर इसके फायदे आपको हैरान कर देंगे.

क्‍या है ज्ञान मुद्रा
जाने-माने योग एक्‍सपर्ट डॉ. बालमुकुंद शास्‍त्री बताते हैं, ‘ज्ञान मुद्रा सबसे पहली यानि तर्जनी उंगली और अंगूठे के पोरों को आपस में मिलाने से बनती है. इस मुद्रा को बनाते समय बाकी तीनों उंगलियां खुली रहती हैं. इस मुद्रा में हमारा हाथ घुटने पर नीचे की ओर रहता है. यानि हथेली वाला हिस्‍सा नीचे और हथेली का पीछे का का हिस्‍सा ऊपर. आपने अक्‍सर महात्‍मा बुद्ध या अन्‍य मनीषियों को इस मुद्रा में बैठे हुए तस्‍वीर या मूर्ति में देखा भी होगा.’

जैसा कि ज्ञान मुद्रा के नाम से ही स्‍पष्‍ट है, इसका मतलब है नॉलेज, बुद्धिमत्‍ता या ईश्‍वर को जानने की एक विद्या. यहां अंगूठा य‍ह दर्शाता है कि ईश्‍वर निराकार है, परमतत्‍व है और सबसे ऊपर है. वहीं जो तर्जनी उंगली है वह व्‍यक्तिगत आत्‍मा को दर्शाती है. इन दोनों का ही मिलन यहां पर होना है. यानि आत्‍मतत्‍व का परमतत्‍व से मिलन और यही सर्वोच्‍च ज्ञान है. इस दौरान जो तीनों बाकी उंगलियां खुली होती हैं वे तीनों गुणों सतोगुण, तमोगुण और रजोगुण को दर्शाती हैं.

ऐसे में इस मुद्रा का तात्‍पर्य यही है कि इन तीनों गुणों से ऊपर उठकर के जब आत्‍मा से परामात्‍मा के मिलन का साइकिल बनाते हैं वही ज्ञान मुद्रा है. जो भी व्‍यक्ति इस मुद्रा का अभ्‍यास करता है, उसे ज्ञान की अनुभूति होने लगती है.

इस मुद्रा के ये हैं विशेष लाभ
. यह मुद्रा मस्तिष्‍क को कंट्रोल करके एकाग्रता को बढ़ाती है.
. यह लो ब्‍लड प्रेशर और हाई ब्‍लड प्रेशर को भी नियंत्रित करती है.
. यह हमारे शरीर में मौजूद चक्रों को प्रभावित कर उन्‍हें उत्‍साहित करता है और इसी से ज्ञान की प्रक्रिया प्रारंभ होती है.
. इस मुद्रा को करने से ज्ञान प्राप्‍त करने की क्षमता भी बढ़ती है.
. अगर आप ध्‍यान लगाना चाहते हैं तो इस मुद्रा में बैठने के महज कुछ दिन के अभ्‍यास से ही आप इसमें सफल हो सकते हैं.

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Tags: Benefits of yoga, Blood Pressure Machine, Parenting tips



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