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Giloy Health Benefits: आयुर्वेद में गिलोय को स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसमें औषधीय गुणों की भरमार होती है. इसका सेवन करने से कई बीमारियों से निजात मिल सकती है. महिलाओं के लिए गिलोय किसी टॉनिक…और पढ़ें
गिलोय का सेवन करने से शरीर को चमत्कारी फायदे मिल सकते हैं.
हाइलाइट्स
- आयुर्वेद के अनुसार गिलोय त्रिदोष शामक औषधि है.
- गिलोय का सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट हो सकती है.
- डायबिटीज, पीलिया, बवासीर में गिलोय लाभकारी है.
Giloy Ke Fayde: हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों से बीमारियों का इलाज किया जाता रहा है. कई फूल, पत्तियां, बेल और छाल औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं और इनका सेवन करना सेहत के लिए चमत्कारी हो सकता है. एक ऐसी ही औषधीय बेल गिलोय है. यह एक प्राकृतिक दवा है, जो बीमारियों के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल की जाती है. यह शरीर के तीनों दोष वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में सहायक होती है. इसलिए गिलोय को त्रिदोष शामक औषधि के नाम से भी जाना जाता है. आयुर्वेद, चरक संहिता और घरेलू चिकित्सा में इसे अमूल्य औषधि माना गया है.
सुश्रुत संहिता में भी इस बेल के औषधीय गुणों का उल्लेख मिलता है. गिलोय के पत्ते स्वाद में कसैले और कड़वे होते हैं, लेकिन इसके गुण अत्यंत लाभकारी होते हैं. गिलोय पाचन में सहायक होने के साथ भूख बढ़ाने में मदद करती है. इसके सेवन से शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. गिलोय आंखों की सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. गिलोय का नियमित सेवन करने से डायबिटीज, लेप्रोसी, पीलिया, बवासीर, टीबी और यूरिन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है. महिलाओं में होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए भी गिलोय एक महत्वपूर्ण औषधि है.
गिलोय एक बेल होती है, जो जिस वृक्ष पर चढ़ती है, उसके कुछ गुण अपने अंदर समाहित कर लेती है. इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी हुई गिलोय को सबसे फायदेमंद माना जाता है. गिलोय का तना रस्सी जैसा दिखाई देता है और इसके पत्ते पान के आकार के होते हैं. इसके फूल पीले और हरे रंग के गुच्छों में लगते हैं, जबकि इसके फल मटर के दाने जैसे होते हैं. आधुनिक आयुर्वेद में इसे एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल औषधि के रूप में देखा जाता है. गिलोय के उपयोग से आंखों की रोशनी में सुधार होता है. इसके रस को त्रिफला के साथ मिलाकर सेवन करने से आंखों की कमजोरी दूर होती है.
कान की सफाई के लिए गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर कान में डालने से मैल साफ हो जाता है. हिचकी की समस्या में इसका उपयोग सोंठ के साथ करने से लाभ मिलता है. आयुर्वेदिक ग्रंथों के मुताबिक अश्वगंधा, शतावर, दशमूल, अडूसा, अतीस जैसी जड़ी-बूटियों के साथ इसका काढ़ा बनाकर सेवन करने से टीबी के रोगी को लाभ मिलता है. इसके अलावा एसिडिटी से राहत पाने के लिए गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर पीने से उल्टी और पेट की जलन से छुटकारा मिलता है. कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए गिलोय रस के साथ गुड़ का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है.
बवासीर की समस्या में भी गिलोय का विशेष महत्व है. हरड़, धनिया और गिलोय को पानी में उबालकर बने काढ़े को सेवन करने से बवासीर से राहत मिलती है. लिवर से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए गिलोय बेहद लाभकारी मानी जाती है. ताजा गिलोय, अजमोद, छोटी पीपल और नीम को मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से लीवर की समस्याएं दूर होती हैं. इसके साथ ही यह डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है. डायबिटीज के मरीजों के लिए गिलोय का रस बहुत फायदेमंद साबित होता है. इसे शहद के साथ मिलाकर लेने से शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है.
दिल की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए गिलोय बेहद लाभदायक मानी जाती है. काली मिर्च के साथ इसे गुनगुने पानी में लेने से दिल की बीमारियों से बचाव होता है. गिलोय के सेवन की मात्रा का विशेष ध्यान रखना चाहिए. सामान्य रूप से काढ़े की मात्रा 20-30 मिली ग्राम और रस की मात्रा 20 मिली का ही सेवन करना होता है. हालांकि अधिक लाभ के लिए इसे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए. इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. यह ब्लड शुगर को कम करता है, इसलिए जिनका शुगर लेवल कम रहता है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए. प्रेग्नेंसी में भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
February 20, 2025, 11:26 IST
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