सिरोही: जिले से गुजरने वाली अरावली पर्वत श्रृंखला में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जिनके फल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत गुणकारी होते हैं. यहां पाए जाने वाले पेडों में एक पेड़ ऐसा है, जिस पर केवल गर्मियों के दौरान जून माह में फल लगते हैं. हम बात कर रहे हैं जामुन के फल की. माउंट आबू सेंचुरी के अलावा जामुन के पेड़ पहाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से मिल जाते हैं. आदिवासी महिलाएं इन फलों को एकत्रित करके शहर में बेचकर आय अर्जित करती है. ये फल जून माह में कुछ दिनों के लिए ही मिलता है. इस फल को सीधे खाने के अलावा इसका सिरका बनाकर भी उपयोग किया जाता है. यह आयुर्वेदिक महत्व वाला फल है.
जामुन के बारे में आयुर्वेद विभाग से सेवानिवृत पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी और वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दामोदर प्रसाद चतुर्वेदी ने बताया कि इस फल में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है. इसका पेड़ 15-20 फीट तक ऊंचा होता है. यह डायबिटीज, हृदय रोग, पाचन तंत्र के लिए अच्छा माना जाता है. गर्मी में यह पानी के अभाव में प्यास बुझाने का भी काम करता है.
लिवर की समस्या को करता है ठीक
डायबिटीज के कारण शरीर में सूजन को कम करता है. पेशाब को नियंत्रित करता है. लिवर से संबंधित बीमारियों, मलेरिया बुखार में लाभदायक जामुन का फल भूख भी बढ़ाता है. यह बच्चों और महिलाओं को विशेष पोषण प्रदान करता है. खून को शुद्ध करने, त्वचा में निखार लाने में भी ये फल उपयोगी है. गर्मी में शीतल पेय के रूप में इसके रस को नमक, काली मिर्च और सोंठ के साथ पिया जा सकता है.
फल के साथ पत्ते और लकड़ी भी उपयोगी
इस फल के कई फायदे हैं. इसके पत्ते और लकड़ी भी काफी उपयोगी होती है. जामुन के पत्ते का पेस्ट चर्म रोगों, मुंहासे आदि के इलाज में भी उपयोगी होता है. इसकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में होता है.
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FIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 09:24 IST
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