सिरोही. कमल का फूल सबके मन को भाता है. इसका पौधा ऐसा होता है जिसके बीज, जड़, फल और तना सब काम आते हैं. आयुर्वेद में इसके औषधीय गुण भी बताए गए हैं. सिरोही जिले में मॉनसून आते ही जलाशयों में पानी की आवक से बने कीचड़ में कमल खिलने लगे हैं.कमल के फूल दिखने में जितने सुंदर होते हैं, उतना ही आयुर्वेद में उनका महत्व है.
कमल अधिकांशत: उन जलाशयों में खिलता है जहां काई और मिट्टी ज्यादा होती है. सिरोही जिले के वासा गांव स्थित तालाब में काफी संख्या में कमल के फूल खिले हैं. इन्हें उत्तम औषधि माना जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. इनके अलावा, इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. कमल के फूल के अलावा इसके बीज, पत्ते और जड़ का भी औषधि के रूप में उपयोग होता है.
मलेरिया बुखार और सूजन में कारगर
कमल के फूलों के औषधीय गुणों के बारे में वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक और सेवानिवृत जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. दामोदर प्रसाद चतुर्वेदी ने बताया हरियाली युक्त काई वाले तालाब में कमल का फूल ज्यादा होता है. इसका उपयोग मलेरिया बुखार, खांसी, लीवर की शिकायत और जलन कम करने में किया जा सकता है. कमल में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, जो सूजन कम करने में कारगर होते हैं.
अनिद्रा की समस्या रखेगा दूर
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया जिन लोगों को हाइपरटेंशन की समस्या रहती है, उनके लिए कमल का फूल रामबाण है. अनिद्रा की समस्या होने पर ये फूल अपने सिर के पास रखकर सोना चाहिए, इससे अच्छी नींद आती है. कमल के फूल, बीज और पत्तियों के अर्क में सूजन को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं. ये फूल मुंह या मसूड़ों के संक्रमण का इलाज करने में भी रामबाण हो सकता है. इसे चटनी और रस के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है.
वास्तु में कमल का महत्व
कमल के फूल को वास्तुशास्त्र में पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इस फूल को ब्रह्मा का कमल भी कहा जाता है. कमल अगर आप घर में लगाते हैं, तो यह आपके जीवन में पॉजिटिव एनर्जी और सौभाग्य लाता है. यह फूल देवी लक्ष्मी से भी जुड़ा हुआ है. सकारात्मक ऊर्जा के लिए कमल के पौधे को अपने घर के केंद्र में रखें. उत्तर-पूर्व कोने में रखने से ये बुद्धि और विवेकपूर्ण सोच को बढ़ावा देता है.
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FIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 07:05 IST