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Thursday, September 19, 2024

ताकत के लिए 6000 सालों से इस्तेमाल हो रही यह जड़ी-बूटी ! घोड़े से जुड़ा है इसका नाम

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Health Benefits of Ashwagandha: प्राचीन काल से बीमारियों के इलाज के लिए जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. कई जड़ी-बूटियों में बेहद शक्तिशाली तत्व होते हैं, जो शरीर को तेजी से दुरुस्त कर सकते हैं. एक ऐसी ही जड़ी-बूटी अश्वगंधा है, जो आज भी सेहत के लिए वरदान साबित हो रही है. अश्वगंधा को आयुर्वेद का सबसे फायदेमंद रसायन माना जाता है. कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में इसे टॉनिक माना जा सकता है. शरीर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए अश्वगंधा रामबाण औषधि है. इसका सही सेवन करने से तनाव, चिंता समेत कई मेंटल प्रॉब्लम से छुटकारा मिल सकता है.

यूएस के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की रिपोर्ट के मुताबिक अश्वगंधा का इस्तेमाल 6000 साल से बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है. इसका जिक्र चरक संहिता में मिलता है. यह आयुर्वेद की सबसे महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों में से एक है, जिसका उपयोग हजारों सालों से रसायन के रूप में किया जाता रहा है. अश्वगंधा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को यंग बनाए रखती है और इससे लोगों का मन खुश रहता है. इसे छोटे बच्चों को टॉनिक के रूप में दिया जाता है. अश्वगंधा जड़ी-बूटी चूर्ण के रूप में मिल जाती है, जिसे घी या शहद के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है.

कई रिसर्च में पता चला है कि अश्वगंधा का सेवन करने से ब्रेन और नर्वस सिस्टम की फंक्शनिंग बेहतर हो सकती है. इससे याददाश्त में सुधार हो सकता है. यौन स्वास्थ्य के लिए भी इसे वरदान माना जा सकता है. यह जड़ी-बूटी शरीर से तनाव को कम करने में कारगर हो सकती है. अश्वगंधा का सेवन करने से इम्यून सिस्टम को मजबूती मिल सकती है और शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ सकती है. अश्वगंधा में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो खतरनाक फ्री रेडिकल्स को बेअसर कर सेल्स डैमेज से बचाने में मदद करते हैं.

कई वैज्ञानिक रिसर्च में भी अश्वगंधा को शक्तिशाली टॉनिक माना गया है, जो एंटी-स्ट्रेस, न्यूरोप्रोटेक्टिव, एंटीट्यूमर, एंटी-आर्थ्राइटिक, एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है. अश्वगंधा का इस्तेमाल पार्किंसन, डिमेंशिया, मेमोरी लॉस, तनाव से होने वाली बीमारियों से राहत पाने के लिए किया जा सकता है. अश्वगंधा का उपयोग भारत में घरेलू उपचार के रूप में किया जाता है. इसे बच्चों और बुजुर्गों की सेहत के लिए सबसे अच्छा टॉनिक माना जाता है. आयुर्वेद में इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल प्रोस्टेट और फेफड़ों के कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर में भी किया जाता है.

अश्वगंधा के पौधे की जड़ से अश्व यानी घोड़े जैसी गंध आती है, जिसकी वजह से इसे अश्वगंधा कहा जाता है. यह भी माना जाता है कि इस जड़ी-बूटी का सेवन करने से लोगों के शरीर में घोड़े जैसा ताकत आ सकती है. शरीर की कमजोरी, कब्ज, अनिद्रा जैसी परेशानियों से छुटकारा दिलाने में यह जड़ी-बूटी बेहद असरदार हो सकती है. अश्वगंधा कई तरह की होती है, जिसमें नागोरी अश्वगंधा को सबसे ज्यादा पावरफुल माना जाता है. अश्वगंधा शरीर के लिए भले ही वरदान है, लेकिन इसका इस्तेमाल लोगों को हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए.

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Tags: Health, Lifestyle, Trending news



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