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Explainer- अंडरगारमेंट्स का साफ-सुथरा होना बेहद जरूरी है लेकिन कई लोग इन्हें 1 से 2 दिन बिना बदले ही पहन लेते हैं. वहीं कुछ लोगों को टाइट अंडरगारमेंट्स पहनने की आदत होती है. यह गलत है क्योंकि अंडरगारमेंट्स बीमारी का कारण बन सकते हैं.
जिस तरह से अच्छे कपड़े आपको कॉन्फिडेंस और फील गुड कराते हैं, ठीक इसी तरह से सही फिट के अंडरगारमेंट्स भी कंफर्ट महसूस कराते हैं. रोज ब्रश और नहाने की तरह इन्हें भी बदलना जरूरी है. अक्सर लड़कियां फैंसी अंडरगारमेंट्स पसंद करती हैं लेकिन इनके फैब्रिक पर ध्यान नहीं देतीं. अंडरगारमेंट्स को बहुत सोच-समझकर चुनना चाहिए. इन्हें धोते समय भी कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. दरअसल यह शरीर के उन हिस्सों पर पहने जाते हैं, जहां सबसे ज्यादा इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. इनसे स्किन से जुड़ी दिक्कतें भी हो सकती हैं.
ब्रा से बिगड़ सकता है बॉडी का पॉश्चर
महिलाएं अक्सर टाइट ब्रा पहनती हैं लेकिन इससे बॉडी का पॉश्चर बिगड़ सकता है. काइरोप्रैक्टिक और ऑस्टियोपैथी की स्टडी के अनुसार 80% महिलाएं गलत साइज की ब्रा पहनती हैं. इनमें से 70 फीसदी बहुत छोटी और 10% अपने साइज से बड़ी ब्रा पहनती हैं. लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के अनुसार गलत ब्रा से ब्रेस्ट कैंसर तो नहीं हो सकता लेकिन यह गर्दन और कमर के दर्द का कारण बन सकती हैं. गलत साइज की ब्रा महिलाओं के आत्मविश्वास को भी खत्म कर देती है. टाइट ब्रा ब्लड सर्कुलेशन को भी प्रभावित करती हैं.
अंडरवियर यूटीआई की बनती वजह
स्किन एक्सपर्ट डॉ. कशिश कालरा कहते हैं कि गंदे अंडरवियर बैक्टीरिया और फंगस का घर बन सकते हैं. दरअसल पसीना आने या यूरिन लगने से यह गीले हो जाते हैं जिसकी वजह से इंफेक्शन हो सकता है. अक्सर महिलाएं इस वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, वजाइनल इंफेक्शन या स्किन रैशेज का शिकार हो जाती है. इनसे खुजली की समस्या भी बढ़ जाती है. अगर किसी की स्किन सेंसिटिव है और इम्यूनिटी लो है एक्जिमा जैसी स्किन की गंभीर बीमारी भी हो सकती है.
अगर अंडरवियर पहनकर खुजली हो तो तुरंत बदल दें (Image-Canva)
बॉक्सर ब्रीफ्स से ज्यादा बेहतर
टाइट अंडरगारमेंट्स स्किन डर्माटाइटिस का कारण बन सकते हैं. इससे प्राइवेट पार्ट पर रैशेज, दाने या खुजली हो सकती है. टाइट अंडरगारमेंट खून के प्रवाह को भी कम कर देते हैं जिससे स्किन पर निशान पड़ जाते हैं. हेल्थलाइन में छपी रिसर्च के अनुसार टाइट अंडरवियर पहनने से पुरुषों के जेनिटल एरिया का तापमान बढ़ जाता है जिससे उनके स्पर्म 25% तक कम हो जाते हैं. रिसर्च में यह भी सामने आया कि पुरुषों को ब्रीफ्स की जगह बॉक्सर पहनने चाहिए. इससे स्पर्म की संख्या पर असर नहीं पड़ता. इसी तरह महिलाओं के लिए थॉन्ग्स अच्छे रहते हैं. इस तरह की अंडरवियर से बैक्टीरियल और यीस्ट इंफेक्शन दूर रहते हैं. लेकिन थॉन्ग्स सिल्क, लेसी या पॉलिएस्टर के नहीं होने चाहिए.
फैब्रिक का रखें ध्यान
अंडरगारमेंट्स खरीदते समय उसके फैब्रिक पर हमेशा गौर करना चाहिए. फैब्रिक जितना नेचुरल होगा, बीमारियां दूर रहेंगी. अंडरगारमेंट्स हमेशा कॉटन या बैंबू फैब्रिक के हो. पॉलिस्टर या लेस जैसे सिंथेटिक फैब्रिक से दूर रहना चाहिए. लेकिन अक्सर लड़कियां फैंसी अंडरगारमेंट्स पहनने के चलते यह गलती कर बैठती हैं.
लोग बिना धोएं पहन लेते हैं अंडरगारमेंट्स
अधिकतर लोग पर्सनल हाइजीन का ध्यान नहीं रखते और अंडरगारमेंट्स को रिपीट करके पहन लेते हैं. एक सर्वे में सामने आया कि 45% लोग एक ही अंडरगारमेंट को लगातार 2 से 3 दिन पहन लेते हैं. वहीं YouGov के सर्वे के अनुसार 18% पुरुष और 7% महिलाएं बिना धोए एक ही अंडरवियर दोबारा पहन लेते हैं.
बॉडी शेपवियर या जिम अंडरगारमेंट्स को घर आते ही बदल लेना चाहिए (Image-Canva)
अंडरगार्मेंट्स को धोते समय रखें ध्यान
अंडरगार्मेंट्स को खुशबूदार डिटर्जेंट से नहीं धोना चाहिए. अक्सर लोग इन्हें बाकी कपड़ों के साथ धोते हैं या वॉशिंग मशीन में डाल देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. इन्हें हमेशा अलग से धोना चाहिए. धोने के बाद ड्राई करने की जगह इन्हें धूप में सुखा देना चाहिए ताकि बैक्टीरिया पूरी तरह से खत्म हो जाएं.
रात में ना पहनें और कुछ महीने बाद बदल दें
अंडरगारमेंट्स को रात के समय सोते वक्त नहीं पहनना चाहिए. दरअसल इस समय बॉडी को लूज रखना चाहिए जिससे शरीर के हर हिस्से पर हवा लगती रहे. ऐसा करने से प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन नहीं होता. वहीं, अंडरगारमेंट्स को हर 3 से 6 महीने में बदल देना चाहिए. दरअसल इन्हें लगातार पहना जाता है जिसकी वजह से इन पर दाग-धब्बे लग जाते हैं और बैक्टीरिया भी पनपने लगते हैं.
ऐसे चुनें सही साइज के अंडरगारमेंट
महिलाओं को ब्रा खरीदने से पहले अपना साइज पता होना चाहिए. इसके लिए अपर बस्ट और अंडर बस्ट को नापें. अपर बस्ट कंधे से नीचे बगल का हिस्सा होता है और अंडर बस्ट यानी ब्रेस्ट के बीच का हिस्सा. अब दोनों को आपस में घटा लें और जो नंबर बचे वह कप साइज होता है. यानी अगर किसी महिला का अपर बस्ट 40 और अंडर बस्ट 36 है तो इन दोनों को घटाकर 4 नंबर बचेगा यानी महिला की ब्रा का साइज 36D होगा. अगर 2 बचे तो कप साइज B और 3 बचे तो C साइज होता है. स्ट्रैप हमेशा ऐसे हो जिसे पहनकर 1 उंगली उसमें से निकल सके. इसी तरह अंडरवियर को खरीदने से पहले अपनी वेस्ट और हिप्स को नाप लेना चाहिए. यह अक्सर सेंटीमीटर में मिलती हैं. अगर किसी का स्माल साइज है तो वेस्ट का नाप 70-75 cm, मीडियम 80-85 cm और लार्ज साइज 90-95 cm तक होता है.
Delhi,Delhi,Delhi
January 18, 2025, 11:53 IST
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