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Friday, September 13, 2024

बारिश का मौसम आंखों के लिए खतरनाक, इन 3 प्रॉब्लम्स का बढ़ जाता है खतरा, जानें इलाज

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Common Eye Problems in Monsoon: आंखों को हेल्दी बनाए रखना आसान काम नहीं होता है. आंखें बेहद कोमल और सुपर सेंसिटिव होती हैं. आंखों में जरा सी धूल-मिट्टी या पानी चला जाए, तो इससे परेशानियां होने लगती है. बारिश के मौसम में आंखों का खास खयाल रखने की जरूरत होती है, क्योंकि इस मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है. जिन लोगों को आंखों की एलर्जी या अन्य परेशानियां होती हैं, उन्हें बरसात में बिल्कुल लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. इस मौसम में छोटी-छोटी गलतियां भारी पड़ सकती हैं. डॉक्टर से इस बारे में कुछ टिप्स जान लेते हैं.

नई दिल्ली के सिरी फोर्ट स्थित विजन आई सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. तुषार ग्रोवर ने News18 को बताया कि बरसात में कंजंक्टिवाइटिस के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं. इस मौसम में अगर किसी को आंखों में रेडनेस, जलन, चुभन या किसी तरह का डिस्चार्ज होने लगे, तो यह कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण हो सकते हैं. कंजंक्टिवाइटिस दो तरह का होता है. पहला वायरल कंजंक्टिवाइटिस और दूसरा बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस. दोनों ही कंजक्टिवाइटिस में लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं, लेकिन इनका ट्रीटमेंट अलग-अलग होता है. बारिश में एलर्जी ट्रिगर होने का भी खतरा होता है.

कैसे पहचानें कंजंक्टिवाइटिस वायरल है या बैक्टीरियल?

डॉक्टर तुषार ग्रोवर ने बताया कि वायरल कंजंक्टिवाइटिस होने पर कॉमन लक्षणों के अलावा आंखों से पानी जैसा डिस्चार्ज होने लगता है, जबकि बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस होने पर आंखों से गाढ़ा पीला डिस्चार्ज होता है. इसके अलावा वायरल कंजंक्टिवाइटिस 1 से 2 हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाता है, जबकि बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस कई सप्ताह तक ठीक नहीं होता है और परेशानी बढ़ती रहती है. हालांकि कुछ मामलों में वायरल कंजंक्टिवाइटिस सीवियर हो जाता है और ट्रीटमेंट की जरूरत होती है. किसी भी तरह की परेशानी होने पर आंखों के डॉक्टर से मिलकर कंसल्ट करें.

क्या है वायरल और बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस का इलाज?

नेत्र रोग विशेषज्ञ के मुताबिक वायरल कंजंक्टिवाइटिस एक-दो सप्ताह में ठीक हो जाता है. इससे राहत पाने के लिए नॉर्मल लुब्रिकेंट ड्रॉप का इस्तेमाल किया जा सकता है. वायरल के सीवियर मामलों में स्टेरॉयड ड्रॉप्स की जरूरत पड़ती है. हालांकि स्टेरॉयड ड्रॉप्स हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही डालने चाहिए, वरना इनसे आंखों की रोशनी जाने का खतरा होता है. बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस की बात करें, तो इसे ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स दिए जाते हैं. एलर्जी से परेशान लोगों के लिए भी कई आई ड्रॉप्स होते हैं, जो डॉक्टर की सलाह पर यूज किए जा सकते हैं.

आंख में गंदा पानी जाने से इस इंफेक्शन का भी खतरा

ऑप्थल्मोलॉजिस्ट की मानें तो बारिश में गंदा पानी और धूल-मिट्टी जाने से लोगों को कॉर्निया का इंफेक्शन भी हो सकता है. यह इंफेक्शन कंजंक्टिवाइटिस से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है. अगर लोगों को आंखों में किसी भी तरह की दिक्कत आए, तो डॉक्टर से मिलकर जांच करानी चाहिए. इस इंफेक्शन से बचने के लिए लोगों को आंखों को गंदे पानी और धूल-मिट्टी से बचाने की कोशिश करनी चाहिए. साथ ही अपने हाथों को साफ रखें और आंखों को बार-बार न छुएं. आंखों में धूल-मिट्टी गिर जाए, तो साफ पानी से धोएं. इससे कॉर्निया के इंफेक्शन से बचा जा सकेगा.

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Tags: Health, Lifestyle, Rainy Season, Trending news



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