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Saturday, September 14, 2024

कितने प्रकार की होती है चायपत्ती? कौन सी पीनी फायदेमंद या नुकसानदेह?

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नैनीताल. यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि चाय दुनियाभर में सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थों में से एक है. भारत में देखें तो यह मेहमानों को परोसे जाने वाले सबसे प्रिय पेय पदार्थ में एक बन चुका है. आलम यह कि लोगों ने इसकी वैरायटी को लेकर खूब प्रयोग किया है. वैसे तो चायपत्ती मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, साधारण और हर्बल चाय, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है और कौन सी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद या नुकसानदायक है? एक्सपर्ट ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है.

साधारण चाय: साधारण चाय कैमेलिया साइनेंसिस नामक पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है. इस श्रेणी में मुख्य रूप से निम्न प्रकार की चाय शामिल होती हैं.

काली चाय: काली चाय पूरी तरह से ऑक्सीडाइज्ड होती है, जिसकी वजह से इसका रंग काला और स्वाद मजबूत होता है. इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है.

ग्रीन टी: ग्रीन टी को बिना ऑक्सीडाइज्ड किए पत्तियों से बनाया जाता है. इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स की उच्च मात्रा पाई जाती है और कैफीन की मात्रा काली चाय से कम होती है.

उलॉन्ग टी: यह आंशिक रूप से ऑक्सीडाइज्ड चाय होती है, जिसका स्वाद काली और ग्रीन टी के बीच होता है.

व्हाइट टी: यह चाय पत्तियों की कलियों से बनाई जाती है और इसमें सबसे कम कैफीन होता है.

पुएर टी: यह एक प्रकार की किण्वित चाय है, जिसे विशेष रूप से चीन में पीया जाता है.

हर्बल चाय: हर्बल चाय को कैमेलिया साइनेंसिस पौधे से नहीं, बल्कि विभिन्न जड़ी-बूटियों, फूलों-फलों और मसालों से बनाया जाता है. यह चाय कैफीन-मुक्त होती है.

चार प्रकार की होती है हर्बल चाय

कैमोमाइल चाय: यह कैमोमाइल फूलों से बनाई जाती है और इसे आराम और नींद के लिए फायदेमंद माना जाता है.

पेपरमिंट चाय: पेपरमिंट पत्तियों से बनी यह चाय पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है.

रूइबोस चाय: यह दक्षिण अफ्रीकी चाय है, जो एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है.

लेमनग्रास चाय: लेमनग्रास से बनी यह चाय पाचन और डिटॉक्सिफिकेशन के लिए अच्छी मानी जाती है.

हिबिस्कस चाय: हिबिस्कस फूलों से बनाई गई यह चाय ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है.

साधारण चाय और हर्बल चाय में अंतर

कैफीन की मात्रा: साधारण चाय में कैफीन पाया जाता है, जो आपको ऊर्जावान बनाए रखता है. काली चाय में सबसे ज्यादा कैफीन होता है, जबकि ग्रीन और व्हाइट टी में इसकी मात्रा कम होती है. वहीं, हर्बल चाय कैफीन-मुक्त होती है, जो इसे शांति देने वाली और आरामदायक बनाती है.

स्वास्थ्य लाभ: साधारण चाय एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है, जो हृदय स्वास्थ्य, वजन नियंत्रण और कैंसर की रोकथाम में सहायक मानी जाती है. दूसरी ओर हर्बल चाय अपने खास औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है, जैसे कि कैमोमाइल चाय नींद में सुधार करती है और पेपरमिंट चाय पाचन को बेहतर बनाता है.

स्वाद और प्रकार: साधारण चाय में अधिक पारंपरिक और चाय पत्तियों का स्वाद होता है, जबकि हर्बल चाय का स्वाद विभिन्न जड़ी-बूटियों, फूलों और मसालों से आता है, जिससे यह अधिक सुगंधित और विविधतापूर्ण होती है.

कौन सी चाय फायदेमंद और कौन सी नुकसानदायक?

ग्रीन टी: इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो वजन घटाने, दिल की सेहत और कैंसर की रोकथाम में सहायक हैं.

कैमोमाइल चाय: यह नींद के लिए फायदेमंद होती है और तनाव को कम करती है. पुएर टी वजन घटाने और पाचन में सहायक मानी जाती है. हिबिस्कस चाय उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार होती है.

काली चाय: काली चाय में अधिक कैफीन होने से अत्यधिक सेवन करने पर नींद में बाधा, हृदय गति में वृद्धि, और पेट की समस्याएं हो सकती हैं. कुछ हर्बल चाय का अत्यधिक सेवन भी नुकसानदायक हो सकता है, जैसे कि कुछ जड़ी-बूटियों का गलत तरीके से उपयोग स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए, इनका सेवन डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार करना चाहिए.

क्या है एक्सपर्ट की सलाह?

उत्तराखंड के नैनीताल स्थित डीएसबी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर ललित तिवारी ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि किसी भी प्रकार की चाय का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए. साधारण चाय में कैफीन की मात्रा को ध्यान में रखते हुए इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए, खासकर अगर आपको कैफीन सेंसिटिविटी है तो. वहीं, हर्बल चाय कैफीन मुक्त होने के कारण अधिक सुरक्षित है, लेकिन इसे भी आवश्यकता के अनुसार और सही मात्रा में ही पीना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर्बल चाय कैफीन मुक्त होती है और कई जड़ी बूटियों से बनी होती है लेकिन स्वाद में थोड़ा कठोर होती है, जिसे इसे ज्यादा मात्रा में पीना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन हर्बल चाय शरीर के लिए लाभदायक होती है. वहीं काली चाय में कैफीन की मात्रा अत्यधिक होती है, जिसके कारण नींद नहीं आती और पेट में भी पाचन संबंधित दिक्कतें होती हैं. यही वजह है कि काली चाय का प्रयोग कम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि संतुलित मात्रा में ही चाय का सेवन करना चाहिए.

Tags: Health, Health tips, Local18, Nainital news, Uttarakhand news

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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